सरदारशहर: कांग्रेस-आरएलपी के वोट बैंक पर बीजेपी की सेंधमारी, पार्टी में शामिल हुए पूर्व मंत्री

राजस्थान तक

27 Nov 2022 (अपडेटेड: Nov 27 2022 1:10 PM)

Sardarshahar by-election: सरदारशहर में उपचुनाव को लेकर राजनैतिक पार्टियों के बीच जंग जारी है. इसी बीच बीजेपी ने बड़ा दाव खेलते हुए पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पूर्व संसदीय सचिव जयदीप डूडी को शनिवार को भाजपा में शामिल कर लिया. आपको बता दें कि राजकुमार रिणवा जाति से ब्राह्मण […]

फोटो: सतीश पूनिया के ट्वीटर से

फोटो: सतीश पूनिया के ट्वीटर से

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Sardarshahar by-election: सरदारशहर में उपचुनाव को लेकर राजनैतिक पार्टियों के बीच जंग जारी है. इसी बीच बीजेपी ने बड़ा दाव खेलते हुए पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पूर्व संसदीय सचिव जयदीप डूडी को शनिवार को भाजपा में शामिल कर लिया. आपको बता दें कि राजकुमार रिणवा जाति से ब्राह्मण समाज से आते हैं और जयदीप डूडी जाट समाज से हैं, और सरदारशहर में इन्हीं दो जातियों के वोट सबसे ज्यादा हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने अनिल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है जो ब्राह्मण समाज से आते हैं और आरएलपी ने लालचंद मूड को अपना प्रत्याशी बनाया है जो जाट समाज से आते हैं. इस प्रकार बीजेपी ने कांग्रेस और आरएलपी दोनों के वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश की है.

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सरदारशहर स्थित राम मंच सभागार में आयोजित सदस्यता ग्रहण समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सांसद राहुल कस्वा, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जिला अध्यक्ष धर्मवीर पुजारी, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, विधायक अभिनेष महर्षि की मौजूदगी में राजकुमार रिणवा और जयदीप डूडी भाजपा में शामिल हुए.

इसको लेकर राजकुमार रिणवा से बात की तो उन्होंने बताया कि 2018 में जब मेरी टिकट काटी गई तब आक्रोश में आ गया था और आखिर हूं तो मनुष्य ही, 3 बार चुनाव जीतने के बाद अगर टिकट काटती है तो आक्रोश आना स्वाभाविक सी बात है.

आपको बता दें कि पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा रतनगढ़ विधानसभा से तीन बार विधायक रहे हैं और वसुंधरा सरकार में खान, वन एवं पर्यावरण और देवस्थान विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं. 2018 में टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने रतनगढ़ विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव में चूरू से कांग्रेस प्रत्याशी मकबूल मंडेलिया को अपना समर्थन दे दिया था.

राजकुमार रिणवा और जयदीप डूडी के भाजपा में आने से जहां वो मजबूत हो गई है. वहीं कांग्रेस के लिए ये एक करारा झटका है. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी उमेश साहू भी जाट समाज से आते हैं और समाज के द्वारा लालचंद मूड को समर्थन देने के चलते वो खासे नाराज हैं. ऐसे में आरएलपी के लिए बीजेपी का ये दांव दोहरी चुनौतियों से भरा है. अब देखना ये होगा कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में सरदारशहर की सरदार किसे मिलती है?

कंटेंट: विजय चौहान

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