Rajasthan: जालौर-सिरोही लोकसभा सीट से वैभव गहलोत की पत्नी हिमांशी गहलोत अपने पति वैभव गहलोत के समर्थन में लगातार धुआंधार प्रचार कर रही हैं. उनका एक सभा को संबोधित करते हुए इमोशनल प्रचार का वीडियो भी सामने आया है.
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बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत के समर्थन में गहलोत परिवार चुनावी मैदान में प्रचार में कोई प्रकार की कसर नहीं छोड़ रहा है. प्रचार में वैभव गहलोत की बेटी, पत्नी सहित उनकी मां सुनीता गहलोत भी पूरी ताकत लगा रही है, इधर पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी लगातार जालौर-सिरोही संसदीय क्षेत्र में दौरे कर बेटे को जीतने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं.
इमोशनल बातों से संबोधित कर रही हिमांशी
वैभव गहलोत की पत्नी हिमांशी गहलोत के एक प्रचार का वीडियो सामने आया है , जिसमें वह माली समाज को आगे बढ़ाने के लिए और माली समाज के प्रत्याशी को जीतने के लिए इमोशनल बातों से संबोधित कर रही है. उन्होंने कहा कि गहलोत परिवार में मेरी शादी होना मेरे लिए सौभाग्यशाली है, ऐसा मेरे परिवार के लोग भी बताते हैं. हिमांशी ने कहा अगर वैभव गहलोत को जिता देंगे तो मैं मेरी बेटी की शादी जालोर की धरती से करूंगी.
'यहां मालियों का मंदिर तक नहीं'
उन्होंने माली समाज को अपने समर्थन में करने के लिए इमोशनल शब्दों में कहा की जब से मैं जालौर आई तब मैंने देखा जहां घर लिया उसके बाद जहां सब्जी खरीदी वो माली था. इसके अलावा घर का सामान खरीदा तो वो भी माली थे और कल हमने चद्दरें खरीद रहे थे तो माली थे. यहां मालियों का मंदिर नहीं है. केवल नागौर में है. वैभव गहलोत को यह जगह मिली जहां सब जगह माली ही माली है.
वैभव गहलोत हारे तो पूरे माली समाज की बेइज्जती
हिमांशी गहलोत ने कहा कि हमारे समाज की आन- शान को गिरने नहीं देना है. जोधपुर का उदाहरण मैंने इसलिए दिया है कि मैं हमारे समाज में इस कमी को मैंने महसूस की है, जो अशोक गहलोत ने समाज को आन और शान दी है उसको हमारा समाज सम्मान और शान क्यों नहीं बना रहा है. माली समाज का कोई व्यक्ति कहीं भी जाता है तो यह क्यों नहीं कहता कि मेरा समाज मेरी शान है. यह भावना हमारे समाज में यदि होगी तो जो काम सावित्रीबाई फुले ज्योतिबा फुले ने किया था वह जागृति आज समाज में बढ़ाने की जरूरत है. आज हमारे समाज से कांग्रेस से प्रत्याशी वैभव गहलोत को बनाया गया है तो यह वक्त हमारे लिए हमारे समाज का मान सम्मान बढ़ाने का है. यदि यहां से वैभव गहलोत चुनाव हार जाते हैं तो यह बेइज्जती मेरी नहीं बल्कि पूरे माली समाज की होगी.
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