फेस वॉर के बीच CM गहलोत का आया ये बयान, इस बात के लिए सोनिया गांधी को कहा थैंक्यू, जानें
Congress’ 85th Plenary session: रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भावुक भाषण के बाद सन्यास की अटकलें तेज हो गई है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे तीसरी बार भी मौका दिया. […]
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Congress’ 85th Plenary session: रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भावुक भाषण के बाद सन्यास की अटकलें तेज हो गई है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे तीसरी बार भी मौका दिया. मुझे गर्व है कि मुझे चुनने का जो निर्णय लिया गया, मैंने उसी अनुसार ही काम किया. मैंने कोशिश की है कि मैं उनके विश्वास पर खरा उतर पाऊं.
उन्होंने कहा कि पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सानिध्य में पार्टी को काफी लाभ मिलेगा. वर्तमान की फासीवादी सरकारें चाहे राज्यों में हो या केंद्र में, उनके खिलाफ लड़ने मे उनका का अनुभव मिलेगा. साथ ही राहुल गांधी भी मोदी का मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इस 85वां महाधिवेशन में हम सब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 25 साल के कार्यकाल के प्रति सम्मान और सराहना व्यक्त करते हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष बनीं.
सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के लिए कही ये बातें
सीएम ने कहा कि सोनिया गांधी का समर्पण, दृढ़ संकल्प और अनुशासन अडिग और प्रेरणादायक रहा है. पहले इंदिरा गांधी और फिर राजीव गांधी की हत्या, इन जैसी सबसे गंभीर व्यक्तिगत त्रासदियां झेलने के बावजूद सोनिया गांधी ने साहसपूर्ण तरीके से एक ऐसे समय में कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था, जब पार्टी का राजनीतिक सितारा कमजोर था. बावजूद इसके उनके नेतृत्व में पार्टी को 2004 और 2009 की ऐतिहासिक चुनावी जीत दिलाई.
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सोनिया की नेतृत्व शैली को लेकर गहलोत ने कही ये बात
सोनिया की नेतृत्व शैली की तारीफ करते हुए गहलोत बोले कि हमेशा जहां तक संभव हो, सर्वसम्मति बनाने की और हर किसी को यह विश्वास देने की रही है कि उसकी सुनवाई होगी. साल 2004 और 2014 के बीच डॉ मनमोहन सिंह जी के साथ मिलकर कई अधिकार-आधारित कानूनों को आकार देने का काम किया. जिन्होंने करोड़ों भारतीयों विशेष रूप से महिलाओं, अकलियतों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों जैसे कमजोर वर्गों को गरीबी से उभारा.
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