Barmer-Jaisalmer Voting में बवाल: घायलों से मिलने पहुंचे उम्मेदाराम, इधर रविंद्र भाटी ने SP ऑफिस घेरा

राजस्थान तक

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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बाड़मेर-जैलमेर लोकसभा (Barmer jaisalmer oksabha seat voting) सीट राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. वजह है इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला और मतदान के दौरान कई घटनाएं. एक तरफ मतदान के दौरान हुए बवाल से खफा रविंद्र सिंह भाटी ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और भारी-संख्या में समर्थकों के साथ उन्होंने एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम मतदान के बाद  बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज पहुंचे और मतदान के दौरान झड़प में घायलों का कुशलक्षेम पूछा. 

वोट देने आ रहे भाटी के समर्थकों को गाड़ी से उतारने पर जवाब देकर बाड़मेर पुलिस हुई ट्रोल, लोग बोले- बोलेरो थी या ट्रक ?
 

उम्मेदाराम बेनीवाल (Ummedaram Beniwal) ने आरोप लगाते हुए कहा-एक दिन पहले मतदान के दौरान कई इलाकों में लोग सामने सामने हो गए. कुछ असमाजिक तत्वों ने थार की अपनायात को खराब करने की कोशिश की. मैं पुलिस और प्रशासन से निवेदन करता हूं कि ऐसे लोगों को खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाए. 

 

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भाई को लेकर रविंद्र भाटी ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

मतदान के दौरान राजथान पुलिस ने रविंद्र भाटी (Ravindra singh Bhati) के भाई को जैसलमेर से बाहर जाने को कहा और नहीं जाने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही. इधर रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव आयोग से सवाल किया- बायतु विधायक (हरीश चौधरी)थुंबली में गया. थुंबली गांव शिव विधानसभा में है. और वहां बहुत बड़ा बवंडर खड़ा करने का प्रयास किया गया. वहां जानबूझकर माहौल खराब करने की कोशिश की जिससे वहां का माहौल खराब हो. हालांकि हो न सका. वहां जानबूझकर इश्यू क्रिएट करने की कोशिश की गई ताकि शिव में माहौल खराब हो. 

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रविंद्र भाटी ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहूंगा कि वे किस हैसियत के नाते वहां गए. न तो प्रत्याशी हैं और न ही कोई एजेंट, फिर भी थुंबली गए. वहीं मेरे भाई पर जैलमेर से बाहर जाने पर रोक लगाया गया जबकि वो राजनीति में है भी नहीं, ये क्यों? बायतु विधायक का सीधा से मकसद है वहां प्रशासन का ध्यान डायवर्ट कर फर्जी वोटिंग करना. चुनाव आयोग से सवाल है- इस बात का जवाब जरूर देना कि बिना चीफ एजेंट या बिना उम्मीदवार की हैसियत से अलग-अलग विधानसभा में क्यों गए? 

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