राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के बहाने कांग्रेस जोड़ो की कोशिश? जानें इस बैठक के मायने

शरत कुमार

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Rajasthan News: राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की बैठक कांग्रेस जोड़ो यात्रा के रूप में सामने आयी. जयपुर में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच झगड़ा मिटाने का प्रयास करते दिखे. केसी वेणुगोपाल ने दोनों ही नेताओं का हाथ पकड़कर ऊपर उठाया और कहा कि हम साथ साथ हैं. मगर दोनों नेताओं के बीच तल्खी इतनी ज्यादा है कि हाथ उठाने के बावजूद इन्होंने कोई बात नहीं की.

राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की बैठक कांग्रेस जोड़ो यात्रा के रूप में सामने आयी. जयपुर में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच झगड़ा मिटाने का प्रयास करते दिखे. केसी वेणुगोपाल ने दोनों ही नेताओं का हाथ पकड़कर ऊपर उठाया और कहा कि हम साथ साथ हैं. मगर दोनों नेताओं के बीच तल्खी इतनी ज्यादा है कि हाथ उठाने के बावजूद इन्होंने कोई बात नहीं की.

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने के बाद जिस तरह से राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया उसी वजह से सुलह की कोशिश की गई. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महासचिव जयराम रमेश ने साफ कर दिया था कि केसी वेणुगोपाल को दोनों नेताओं के लिए जयपुर भेजा जा रहा है. हालांकि अगले दिन उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो की बैठक के लिए केसी वेणुगोपाल जा रहे हैं.

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कांग्रेस के वार रूम में वार खत्म करने की कोशिश?
जयपुर में कांग्रेस के वॉर रूम में दोनों नेताओं के बीच वॉर खत्म करने के लिए बैठक की गई. बैठक शुरू होने से पहले ही केसी वेणुगोपाल दोनों नेताओं के बीच तटस्थ दिखने के लिए न तो सचिन पायलट से मिले और न ही अशोक गहलोत से मिले. ठीक साढ़े 3 बजे दिन में दोनों ही कांग्रेस के नए बनाए गए अस्पताल रोड के वार रूम में पहुंच गए.

थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाहर आए और उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कह दिया है कि दोनों नेता असेट हैं तो दोनों ही नेता असेट हैं. उनके कहने का मतलब समझिए कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता असेट हैं. इससे पहले उन्होंने दिन में कहा था कि राहुल गांधी ने मेरे बारे में नहीं कहा है बल्कि वह रेफरेंस में बोल रहे थे कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता असेट है.

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इस बीच अंदर से जो तस्वीरें आयीं उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बगल में सचिन पायलट बैठे तो थे मगर दोनों के दिशाएं अलग-अलग थीं और दूरियां साफ दिख रही थीं. बाहर आने से पहले सचिन पायलट ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की जमकर तारीफ की और कहा कि पार्टी एकजुटता के साथ भारत जोड़ो यात्रा में लगी हुई है और बीजेपी से घबरायी हुई है.

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सीएम गहलोत ने 12 घंटे में तीसरी बार बदला स्टेटमेंट
उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बोलने की बारी आयी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 घंटे में तीसरी बार अपना स्टेटमेंट बदला और इस बार नाम लेते हुए कहा कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों असेट हैं और दोनों मिलकर राजस्थान में कांग्रेस के लिए काम करेंगे. इसके बाद बारी आयी केसी वेणुगोपाल की. केसी वेणुगोपाल ने भारत जोड़ो यात्रा में बताने के बाद आखिर में कहा कि दोनों नेता एक हैं और जो मंत्री हमारे एडवाइजरी के बाद बयान दिए हैं उनके बारे में रिपोर्ट मांगी गई है. उनसब पर कार्रवाई होगी.

सीएम गहलोत का चेहरा उतरा था?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चेहरा बिलकुल उतरा हुआ था और उतना ही उतरा हुआ था सचिन पायलट का चेहरा भी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं. लिहाजा जब सचिन पायलट को असेट बता रहे थे तो चेहरे पर उनकी हंसी आ गई मगर उसके बाद भी वो सचिन पायलट को असेट बताकर खुश नहीं दिखे. सचिन पायलट को खुद को असेट बताए जाने से खुश नहीं थे.

फोटो तो खींची पर आपस में बात नहीं हुई
केसी वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं का हाथ उठाकर हम साथ-साथ हैं कि मुद्रा में फोटो तो खिंचवा दिया, लेकिन उसके बाद दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे से बातचीत नहीं की. केसी वेणुगोपाल पहली बार इस बजट में मुख्यमंत्री निवास में नहीं गए. जब केसी वेणुगोपाल एयरपोर्ट के लिए निकल रहे थे तो अशोक गहलोत गाड़ी में बैठते हुए वेणुगोपाल से मिलने गए और कुछ कान में कहते नजर आए. जिसके बाद वेणुगोपाल ने उन्हें समझाया फिर पीठ पर हाथ रखते हुए अशोक गहलोत आगे बढ़ गये. सबसे पहले सचिन पायलट निकले, फिर वेणुगोपाल और उनके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निकले. केसी वेणुगोपाल ने मीटिंग में बैठते ही कहा- लिसेन टू मी, आइ एम रिपीटिंग लिसेन टू मी. आज के बाद कोई भी नेता एक दूसरे के खिलाफ स्टेटमेंट नहीं देगा. नहीं तो 12 घंटे में उसे कांग्रेस पार्टी से हटा दूंगा. यह संदेश मैं राहुल गांधी का लेकर आया हूं.

मीटिंग खत्म होने के बाद वेणुगोपाल ने सचिन पायलट को बुलाया और फिर अशोक गहलोत को बुलाया और दोनों को लेकर एक कमरे में चले गए. जहां पर हाथ उठाने वाली तस्वीरें खिंचवाई गईं और दोनों को नसीहत दी गई कि राहुल गांधी ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा में कोई खलल नहीं होनी चाहिए और पार्टी के लिए एकजुटता से काम करो. 

सीएम गहलोत ने सारा दांव खड़गे पर लगाया है?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों&इशारों में भी साफ कर दिया कि अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अंदर ही काम करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि गांधी परिवार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच रिश्ते बहुत ज्यादा मधुर नहीं हुए हैं और गहलोत ने अपना सारा दांव मल्लिकार्जुन खड़गे पर लगा दिया है.

कांग्रेस की कोशिश है कि किसी भी तरह से दोनों नेताओं के बीच झगड़े का असर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर नहीं आए और सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐसी ही तस्वीर भारत जोड़ो यात्रा में देखने को मिले. यह भी कहा जा रहा है कि एक बार फिर से राहुल गांधी सचिन पायलट और अशोक गहलोत का हाथ एक साथ ऊपर उठवाकर अपनी भारत जोड़ो यात्रा में तस्वीर खिंचवा सकते हैं.

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