पेपर लीक का नहीं थम रहा विवाद! पिछले 4 साल के दौरान इन 11 भर्ती परीक्षाओं में मचा बवाल, जानें

गौरव द्विवेदी

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Paper Leak case: राजस्थान में फिर से पेपर लीक की खबरों ने अभ्यर्थियों की सांसे तेज कर दी है. सुबह से परीक्षा केंद्र के बाहर इम्तिहान की लाइन में लगे अभ्यर्थियों की निगाहें पुलिस विभाग की रिपोर्ट और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड पर टिकी है. आशंका इस बात है कि कही शाम होते-होते पेपर लीक की खबरों की पुष्टि ना हो जाए. ऐसा हुआ तो चुनावी साल में सरकार की मुसीबत बढ़ना तय है. बरहाल पुलिस ने प्रथम दृष्टया तो इसे सही नहीं बताया.

गौरतलब है कि रीट मुख्य परीक्षा के पहले ही दिन जोधपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक मैरिज गार्डन में पेपर सॉल्व करवाते गिरोह को दबोच लिया. इस मामले में करीब 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उनके पास से मोबाइल व लैपटॉप भी बरामद किए हैं. गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ के निर्देशन पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

जोधपुर की बनाड़ थाना पुलिस ने बताया कि लैपटॉप में एक प्रश्न पत्र मिला है. प्रथमदृष्टया यह प्रश्न पत्र मूल प्रश्न पत्र से मिलान नहीं हो रहा है. हालांकि मूल प्रश्न पत्र की गिरोह के सदस्यों द्वारा पढ़ाए गए प्रश्न पत्र से मिलान की प्रक्रिया अभी जारी है यानी पेपर लीक को लेकर स्पष्टता के लिए फिलहाल पुलिस की कार्रवाई पूरी करने का इंतजार कर होगा. 

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इन सबके बीच ये साल ना सिर्फ सरकार, बल्कि अभ्यर्थियों के भी अहम है. साल 2023 में करीब 11 लाख उम्मीदवारों भर्ती परीक्षा देंगे. बीतें महीने 6 से 9 जनवरी तक सीईटी ग्रुेजएट लेवल की परीक्षा हुई. वहीं, 19 फरवरी को सीएचओ भर्ती की परीक्षा में भी पेपर लीक मामले को लेकर एसओजी जांच जारी है. जिसे लेकर उपेन यादव ने इसके सबूत एसओजी और कर्माचारी चयन बोर्ड को सौंपे थे.

सोशल मीडिया पर पेपर लीक की कई वारदातें सामने आने के बाद बीतें साल 24 दिंसबर को चलती बस में पेपर लीक ने हर किसी को हिला दिया था. उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर को सेकंड ग्रेड परीक्षा के जनरल नॉलेज का पेपर सॉल्व करवाते नकल गिरोह माफिया और कई अभ्यर्थियों को पकड़ा था. जिसके बाद मास्टरमाइंट भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका का नाम सामने आया. सारण अब पुलिस की गिरफ्त में है और उसने कई राज भी पुलिस को बताए है.

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हर साल औसतन 2 पेपर लीक
ऐसा पहली बार नहीं है जब पेपर लीक की ऐसी घटना सामने आई. पिछले 4 साल के दौरान 11 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक मामले को लेकर बवाल मच चुका है. चौंकाने वाली बात यह है कि ना सिर्फ शिक्षक भर्ती और बिजली विभाग के पेपर लीक हुए, बल्कि पुलिस विभाग अपनी भर्तियां आयोजित करने में भी विफल रही. पुलिस मुख्यालय की ओर से आयोजित कांस्टेबल भर्ती 2018 का भी पेपर लीक हुआ था. 11 मार्च 2018 को पुलिस को इस परीक्षा में पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद 17 मार्च 2018 को यह परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.

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वहीं, 29 दिसंबर 2019 को इस परीक्षा का आयोजित लाइब्रेरियन भर्ती-2018 के बाद जेईएन सिविल डिग्रीधारी भर्ती-2018 परीक्षा में भी एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने पेपर लीक मानते हुए इसे रद्द कर दिया था. जिसके बाद तो जैसे पेपर लीक का सिलसिला रूकने का नाम ही नहीं ले रहा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 26 सितंबर 2021 को आयोजित रीट लेवल-2 परीक्षा 2021 का पेपर लीक होने के बाद लाखों अभ्यर्थियों के सपने टूट गए.

हालांकि लंबे समय तक विवाद चलने के बाद 4 महीने बाद इस परीक्षा का पेपर लीक मानते हुए सरकार ने रद्द कर दिया था. इसके अलावा बिजली विभाग की टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2022 की ऑनलाइन परीक्षा में पेपर लीक समेत कई तकनीकी खामी भी सामने आई.  पिछले साल 14 मई 2022 को कांस्टेबल भर्ती और 12 नवंबर 2022 को आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 की दूसरी पारी, दोनों का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद काफी बवाल मचा.

पारदर्शिता के साथ परीक्षा आयोजित करवाए सरकार- उपेन यादव
इधर, पेपर लीक की एक बार खबरों ने फिर से अभ्यर्थियों को चिंता में डाल दिया है. बेरोजगार युवाओं की मांग है कि सरकार को पेपर लीक के मामले में सख्ती दिखानी चाहिए और पारदर्शिता के साथ परीक्षा आयोजित करवानी होगी. ताकि युवाओं को भविष्य सुरक्षित रह सकें. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ प्रदेश अध्यक्ष के उपेन यादव की मांग है कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ बिना पेपर लीक के भर्ती परीक्षा आयोजित करवाए. यदि इस बार भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है तो युवा बेरोजगार चुनाव में कांग्रेस नेताओं का भविष्य लीक कर देंगे.

यह भी पढ़ेंः जोधपुर में पकड़े गए पेपर लीक से जुड़े 34 लोग, 10 लाख रुपए में खरीदकर मैरिज गार्डन में हो रहा था सॉल्व!

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