Jaipur News: एसीबी की टीम ने शुक्रवार को दिव्या मित्तल के खिलाफ साढ़े 11 हजार पन्नों का चालान पेश किया. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दवा निर्माता से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने की आरोपी एसओजी की पूर्व एसपी दिव्या मित्तल को अनुसंधान के दौरान प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए गुरुवार को 11500 पन्नों का चालान पेश किया है. वहीं दूसरी ओर इस मामले में फरार बर्खास्त कॉन्स्टेबल सुमित की एसीबी सरगर्मी से तलाश कर रही है.
एसीबी कोर्ट ने फरार सुमित के खिलाफ वारंट जारी किया है. एसीबी के वकील सत्यनारायण चितारा ने बताया कि जयपुर एसीबी के डीएसपी मांगीलाल चौधरी ने अदालत में 11500 पन्नों का चालान पेश किया है. दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सिंह सोनी के अनुसार एसीबी की ओर से पेश आरोप पत्र शुक्रवार को जांच करने के बाद अदालत से उन्हें प्राप्त होगा.
एसीबी को किसी भी कार्रवाई के 60 दिनों की अवधि में चालान पेश करना होता है. दिव्या मित्तल के मामले में एसीबी ने अपना पूरा 60 दिनों का समय लेते हुए अंतिम दिन चालान पेश किया है.
यह है मामला
4 जनवरी 2023 को आगरा निवासी दवा निर्माता विकास अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक एसीबी को शिकायत दी थी कि उनके हरिद्वार स्थित कारखाना के संबंध में तीन मुकदमे दर्ज होने की जानकारी मिली थी. जिसपर एसपी दिव्या मित्तल ने उसे कंप्यूटर के दोनों सॉफ्टवेयर व टेली मांगी थी. दिव्या मित्तल ने उसका नाम हटाने के एवज में 2 करोड़ रुपए की मांग की थी. उन्होंने फार्मा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस की डिमांड की थी. इस मामले में जयपुर एसीबी की टीम ने अजमेर में 16 जनवरी को एसओजी की एडिशनल एसपी अजमेर को अजमेर स्थित आवास से गिरफ्तार किया था साथ ही उनका लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जप्त किए थे.
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