चूरू की सियासत में घमासान! राजेंद्र राठौड़ को आया गुस्सा, राहुल कस्वां के पिता के लिए कही ये बात

Vijay Chauhan

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चूरू में बीजेपी सांसद राहुल कस्वां के कांग्रेस (Congress) ज्वॉइन करने के बाद शेखावाटी में घमासान तेज हो गया है. राहुल कस्वां पर पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने हमला बोला है. चूरू (Churu) के तारानगर में चुनावी कार्यालय उद्घाटन आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने मेरे 35 साल के राजनीतिक जीवन में जाति की राजनीति नहीं की है. 36 कौम-बिरादरी के लोगों को मैंने सर आंखों पर रखा है. आज मेरे भतीजे राहुल कस्वां मुझे कह रहे हैं कि तू कौन से बिल में घुसा है? उन्होंने सांसद पर सीधे हमला बोलते हुए कहा "राहुल कस्वां (Rahul Kaswan), मैं 36 कौम-बिरादरी का जनसेवक हूं. मैंने मेरे पैरों से चूरू लोकसभा नापी है, यही किसी गली-कुंचे में मिल जाऊंगा. लेकिन आप कांग्रेस के उस पप्पू की पार्टी में आमजन को क्या दे पाओगे? उसका भगवान ही मालिक है. 

राजेंद्र राठौड़ यही नहीं रूके, उन्होंने सांसद के पिता राम सिंह कस्वां का जिक्र करते हुए कहा कि मैं जब 168 मतों से विजयी बनाकर लाया था तो उनकी धर्मपत्ति पत्नी कमल कस्वां ने मेरे ललाट पर तिलक लगाया था और कहा कि यह राम और लक्ष्मण की जोड़ी है.

राठौड़ ने कहा कि आज यह लक्ष्मण इतना खराब हो गया कि आप सामंत कहने लगे. इसी दौरान लोकसभा प्रत्याशी पद्म भूषण देवेंद्र झाझरिया ने कहा "मैं गरीब-किसान के घर से निकला हुआ विकलांग व्यक्ति हूं. वही सामने जो राहुल कस्वांजी है, उनकी योग्यता सिर्फ एक सांसद का बेटा होना है. मैंने विश्व पटेल पर भारत का नाम पांच-पांच मेडल जीत कर लिखा है."

इस दौरान उन्होंने कस्वां के नकली जाट के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे जाट समाज के टॉप-25 जाटों में मेरा नाम चार नंबर पर है. शायद कस्वांजी की सोच में व्हाइट हाउस से निकला व्यक्ति ही चुनाव में जाट है. उन्होंने कहा यह लड़ाई असली सामंतवाद कस्वां परिवार और असली मजदूर किसान के बीच की है. झाझरिया ने कहा कि मैंने मेरे जीवन में वार्ड पंच का चुनाव नहीं लड़ा. मुझे राजनीतिक भाषणबाजी नहीं आती. मेरा मिशन मोदीजी का लक्ष्य विकसित भारत और युवाओं के सपनों का भारत बनाना है. साथ ही चूरू लोकसभा में चौधरी कुंभाराम आर्य लिफ्ट कैनाल को विकसित करना और तारानगर में रेल को लाना पहला लक्ष्य बताया.

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