Jaipur News: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई में ट्रेप अधिकारियों का नाम उजागर नहीं करने के आदेश से राजस्थान में सियासी घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष ही नहीं बल्कि गहलोत सरकार के मंत्री ही एसीबी को घेर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी एसीबी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का आदेश नहीं है. मुझे नहीं लगता कि यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जानकारी में होगा. यह आदेश ज्यादा दिन नहीं चलेगा.
वहीं, बीजेपी में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह राज्य सरकार की भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी को बचाने की कोशिश है. सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को प्रति दया दिखा रही है और उन्हें संरक्षण दे रही है. यह भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का प्रयास है. हम इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे.
वहीं, एसीबी के कार्यवाहक महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी के कहा कि हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं. भ्रष्टाचारियों को बचाने का कोई इरादा नहीं है. गौरतलब है कि इस संबंध में बुधवार शाम को एक आदेश जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि एसीबी किसी भी भ्रष्ट कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद उनके नाम और फोटो जारी नहीं करेगी. एसीबी सिर्फ विभाग का नाम और पद ही सावर्जनिक कर सकती है. यह आदेश एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने जारी किया था.
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