Jaipur: दोस्त को कॉफी पिलाकर किडनैप किया, घरवालों से 1 करोड़ की फिरौती मांगी, फिर कर दी हत्या
Jaipur: जयपुर में दोस्ती के रिश्ते को शर्मसार करने का मामले सामने आया है. जहां एक वकील ने मोटी रकम हड़पने के लालच में अपने साथियों के साथ मिलकर बचपन के दोस्त हनुमान मीणा को पहले फ्लैट पर बुलाया और कॉफी पिलाकर उसको किडनैप कर लिया. इसके बाद परिजनों से वीडियो कॉल कर करोड़ों की […]
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Jaipur: जयपुर में दोस्ती के रिश्ते को शर्मसार करने का मामले सामने आया है. जहां एक वकील ने मोटी रकम हड़पने के लालच में अपने साथियों के साथ मिलकर बचपन के दोस्त हनुमान मीणा को पहले फ्लैट पर बुलाया और कॉफी पिलाकर उसको किडनैप कर लिया. इसके बाद परिजनों से वीडियो कॉल कर करोड़ों की फिरौती मांगी.
जब रंगदारी नहीं मिली तो आरोपियों ने दोस्त की जान ले ली. यहीं नहीं किसी को भनक नहीं लगे इसके लिए शव को द्रव्यवती नदी में फेंक दिया. जिसके बाद पुलिस ने मृतक युवक हनुमान मीणा का अपहरण कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
दोस्त को बंधक बनाकर मांगी 1 करोड़ रुपए की फिरौती
जयपुर एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद्र विश्नोई ने बताया कि 22 मई को हनुमान रोजाना की तरह काम पर गया था लेकिन वापस नहीं लौटा. वहीं कुछ देर बाद फोन के जरिए परिजनों के पास हनुमान के हाथ पैर बांधकर मारपीट करने का वीडियो मोबाइल से भेजकर एक 1 करोड़ रूपए की फिरौती मांगी गई. परिजनों की सूचना पर पुलिस टीमों ने तकनीकी आधार पर जांच शुरू कर हनुमान की तलाश शुरू की. जिसके बाद अनुसंधान में सामने आया कि हनुमान मीणा का अपहरण उसी के बचपन के दोस्त दिवाकर टांक ने दो सगे भाई योगेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू और बृजभान सिंह ने आपसी षड़यंत्र रचकर किया है.
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कट्टे में डालकर डेड बॉडी को द्रव्यवती नदी में फेंक दिया
अपहरण करने के बाद हनुमान मीना की हत्या कर दी और मृतक की लाश को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत 5-5 किलो के वजनी लोहे के बाट खरीदकर लाश के साथ प्लास्टिक के कट्टे में डालकर डेड बॉडी को द्रव्यवती नदी में फेंक दिया. जिसके बाद मृतक हनुमान मीणा की लाश को आरोपियों की निशानदेही से 25 मई को बरामद कर मृतक के दोस्त आरोपी दिवाकर टांक, योगेन्द्र सिंह चौहान और बृजभान सिंह को गिरफ्तारी कर लिया गया है.
बचपन का दोस्त है आरोपी
दरअसल. मुल्जिम दिवाकर टांक जो कि पेशे से अधिवक्ता है, जो मृतक हनुमान मीना का बचपन का दोस्त है. यहीं नहीं मृतक के पिता जगदीश मीणा का भी परिचित था और उसका मृतक के घर आना-जाना था. जिसका हनुमान मीना का पूंजीपति होने की जानकारी थी. मुल्जिम दिवाकर टांक व योगेन्द्र सिंह चौहान आपस में दोस्त थे और योगेन्द्र सिंह का बडा भाई बृजभान सिंह भी दिवाकर टांक का जानकार था. आरोपी दिवाकर टांक ने योगेन्द्र व बृजभान को बताया कि मृतक हनुमान मीना का अपहरण कर मोटी रकम ऐंठी जा सकती है. जिस पर मुल्जिम योगेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू ने मृतक हनुमान मीना के घर के पास प्रतापनगर के एक अपार्टमेंट में फ्लैट 13,500 रुपए प्रतिमाह में किराए पर लिया.
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मृतक हनुमान मीना जो कि सरस डेयरी में कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्य करता था. उसको 22 मई की सुबह मुल्जिम योगेन्द्र सिंह चौहान उर्फ पिन्टू ने सम्पर्क कर मिलने के बुलाया. जब मृतक उसके फ्लैट पर आया तो पहले से वहां बृजभान सिंह और दिवाकर टांक मौजूद थे.
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पहले कॉफी पिलाई फिर की हत्या
इसके बाद तीनों ने मिलकर हनुमान मीना को पहले कॉफी पिलाई और फिर योगेन्द्र ने पूर्व योजना के तहत हनुमान मीना का मुंह हाथ से बंद कर दिया. फिर हनुमान मीना को अपने घर पर फिरौती का कॉल करने की धमकी दी और यह भी लालच दिया की तुझे भी उसका हिस्सा देंगें. लेकिन मृतक हनुमान मीना मुंह बंद होने के कारण बोल नहीं पा रहा था. इसके बाद आरोपियों को डर था की कही इसको छोड़ दिया गया तो वह वापिस जाकर पुलिस को बता देगा.
जिस पर उसने दोनों सगे भाईयों के साथ मिलकर मृतक हनुमान मीणा के मुंह पर टेप चिपका दी और उसके तड़पते हुए का वीडियो व फोटो बना लिये और परिजनों को भेजकर 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी. मृतक के मुंह पर टेप चिपका देने के बाद सभी आरोपी उस कमरे से बाहर आ गये और कुछ समय बाद मृतक हनुमान मीना की सांस रूक जाने के कारण मृत्यु हो गई. जिसके बाद आरोपी दिवाकर टांक ने अन्य साथियों के साथ मिलकर मृतक की लाश को ठिकाने लगा दिया.
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