राजस्थान में 'दरी-फर्श सप्लाई' के नाम पर कमीशनखोरी! स्टिंग ऑपरेशन में फंसे BJP, कांग्रेस और निर्दलीय विधायक, एक्शन शुरू!

MLA Fund Scam Rajasthan: राजस्थान में विधायक निधि को लेकर बड़ा कथित भ्रष्टाचार सामने आया है. एक स्टिंग रिपोर्ट में तीन विधायकों पर विकास कार्यों की सिफारिश के बदले कमीशन मांगने के आरोप लगे हैं.

MLA Fund Scam Rajasthan
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MLA Fund Scam Rajasthan: राजस्थान में विधायक फंड (MLALADS) को लेकर कथित भ्रष्टाचार का बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जहां विकास कार्यों की सिफारिश करने के बदले में तीन विधायकों पर खुले तौर पर कमीशन मांगने का आरोप लगा है. यह मामला सामने आने के बाद राज्य की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा हो गई है.

दैनिक भास्कर की इनगेस्टिव रिपोर्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में तीन विधायकों के नाम सामने आए हैं, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं. आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान सामने आया है.

इस मामले में खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का नाम सामने आया है. आरोप है कि इन विधायकों ने विधायक निधि के कार्यों के बदले तय कमीशन की बात की है.

डमी फर्म बनाकर किया गया स्टिंग

इस कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए, भास्कर रिपोर्टर ने खुद को एक डमी फर्म का मालिक बताया. इस फर्म ने विधायकों को बताया कि वह खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से जुड़ी हुई हैं और विधायक निधि से स्कूलों में दरी-फर्श (कारपेट) सप्लाई करने का काम करती है. लेकिन बातचीत के दौरान दरी-फर्श की क्वालिटी या इस काम की जरुरत है या नहीं..इसपर ध्यान देने की बजाय विधायकों का फोकस अपने कमीशन पर रहा. 

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कमीशन की रकम को लेकर अलग-अलग दावे

रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा ने 50 लाख रुपये के काम के बदले 40 प्रतिशत कमीशन मांगा. कांग्रेस विधायक अनीता जाटव पर 50 हजार रुपये लेकर 80 लाख रुपये के कार्य की अनुशंसा देने का आरोप है. वहीं निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत के पति द्वारा 40 लाख रुपये की डील तय करने का दावा किया गया है. देखिए किस विधायक ने कैसे डील की...

1. बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा: 40% कमीशन और 10 लाख एडवांस

खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा पर 50 लाख रुपए के काम की सिफारिश करने के बदले 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप है. रिपोर्टर ने जब 25% कमीशन देने की बात की, तो डांगा ने कहा कि कई कामों में तो 40% ही किया जाता है.

डांगा ने रिपोर्टर को 50 लाख रुपए का काम दिलाने का भरोसा दिया. टोकन मनी लौटाते हुए उन्होंने कहा कि आप 10 लाख रुपए (50% टोकन) दे दो. बाद में, विधायक डांगा के बेटे अशोक डांगा ने कथित तौर पर रिपोर्टर से 10 लाख रुपए ले लिए.

2. कांग्रेस विधायक अनीता जाटव, 50 हजार लेकर 80 लाख का लेटर दिया

हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव पर भी कमीशन लेने का आरोप है. विधायक अनीता जाटव के करीबी पवन शर्मा की मौजूदगी में डील हुई. रिपोर्टर ने उन्हें 50 हजार रुपए टोकन मनी के तौर पर दिए. अनीता जाटव ने ये रुपए ले लिए और 80 लाख रुपए के विकास कार्यों की सिफारिश का पत्र (अनुशंसा-पत्र) भी जारी कर दिया.

3. निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत: पति ने की 40 लाख की डील

बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत के मामले में उनके पति ऋषि बंसल ने रिपोर्टर से डील की. विधायक बनावत के पति ने 40 लाख रुपए के काम की डील फाइनल की. हालांकि, उन्होंने शुरुआती टोकन मनी (50 हजार रुपए) लौटाते हुए कहा कि इसे बाद में काम पूरा होने पर लेंगे.

अनुशंसा पत्र जारी होने का भी दावा

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दो विधायकों ने जिला परिषद के सीईओ को अनुशंसा पत्र जारी किए हैं. आरोप है कि यह प्रक्रिया बिना यह जांचे पूरी की गई कि संबंधित कार्य की वास्तव में जरूरत है या नहीं.

कांग्रेस प्रभारी आए एक्शन में..

वहीं, इस मामले को लेकर राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पीसीसी चीफ डोटासरा को पत्र लिखा है. इस पत्र में हिंडौन विधायक अनीता जाटव को लेकर जांच करवाकर 7 दिन में जवाब मांगा है.

प्रदेश के बड़े नेताओं की आई प्रतिक्रिया

अशोक गहलोत ने क्या कहा- राजस्थान में 3 विधायकों पर MLA फंड जारी करने के लिए कमीशन मांगने के कथित आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने X पर लिखा, "MLA फंड जारी करने के बदले विधायकों द्वारा रिश्वत/कमीशन लेने की खबर बहुत गंभीर और चिंताजनक है."

हनुमान बेनीवाल बोले- बर्खास्त करें

इस मामले को लेकर RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने ट्टीट कर इन विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने ट्टीट कर लिखा,

MLA फंड की पारदर्शिता पर सवाल

राजस्थान में हर विधायक को MLA LAD के तहत सालाना 5 करोड़ रुपये मिलते हैं. इस राशि को स्थानीय विकास के लिए खर्च करना पड़ता है. लेकिन इस खुलासे के बाद फंड के इस्तेमाल, निगरानी और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

वीडियो देखें..

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