गहलोत सरकार के खिलाफ आज पायलट का अनशन, सख्त हुए आलाकमान ने दिया ये बड़ा इशारा!

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Rajasthan Politics: अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट आज यानी 11 अप्रैल को 11 बजे से शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे. इससे पहले पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बाकायदा गहलोत सरकार पर न केवल गंभीर आरोप लगाए बल्कि उनके खिलाफ अनशन का ऐलान किया. सचिन पायलट की इस कवायद के बाद आलाकमान सख्त हो गया है.

कांग्रेस पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लेटर जारी कर पायलट की इस कवायद पर आपत्ति जताई है. साथ ही मंगलवार को वो जयपुर भी पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है कि चुनाव के ऐन पहले अपनी ही सरकार के खिलाफ कमर कसने वाले पायलट के खिलाफ पार्टी कोई एक्शन ले सकती है.

ये पार्टी विरोधी गतिविधि है- रंधावा
इधर रंधावा ने पायलट की इस गतिविधि पर लेटर जारी कर दो टूक कहा. उन्होंने लेटर के जरिए कहा- ‘सचिन पायलट का अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि है. ये पार्टी हितों के खिलाफ है. मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे कभी बात नहीं की. अगर उनको अपनी ही सरकार से कोई समस्या थी तो उन्हें पार्टी फोरम में चर्चा करनी थी बजाय मीडिया और पब्लिक के. मैं शांत संवाद की अपील करता हूं क्योंकि सचिन पायलट एक निर्विवाद संपत्ति हैं.’

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गौरतलब है कि इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश और पवन खेड़ा के भी बयान आ चुके हैं. जयराम रमेश ने गहलोत सरकार और उनके कामों की तारीफ कर दी. वहीं पवन खेड़ा ने पायलट को इशारे से 2020 के बगावत एपिसोड की भी याद दिला दी.

ध्यान देने वाली बात है कि सचिन पायलट ने गहलोत सरकार पर करप्शन करप्शन को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार झूठे मामलों में राहुल गांधी पर कार्रवाई कर रही है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान में वसुंधरा सरकार के करप्शन मामले में राज्य सरकार चुप्पी साधे हुए है. सचिन पायलट ने कहा कि दो बार CM को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अपने द्वारा 4 साल में सीएम गहलोत को लिखी चिट्ठी का भी ब्यौरा दिखाया.

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सीएम गहलोत के बयानों की पुरानी क्लिप दिखाई
सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गहलोत सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए उनके पुराने बयानों की एक क्लिप भी दिखाई. सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर संतोषजनक कार्रवाई ना करने का आरोप लगाए. पायलट ने कहा कि कांग्रेस लीडरशिप को मैंने सुझाव दिए हैं कि 30 साल से राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी होता रहा है. ऐसे में मिली भगत का आरोप लगता रहा है. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर इस मिथक से राजस्थान को बाहर निकालना जरूरी है.

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भष्टाचार पर चीजें क्लीयर होनी चाहिए- पायलट
पायलट ने करप्शन पर गहलोत सरकार को लेकर कहा कि अब चीजें क्वियर होनी चाहिए. हम चुनाव में जाने वाले हैं. इस मुद्दे पर कार्रवाई होनी चाहिए. सीएम गहलोत को इस पर कदम उठाने चाहिए थे. पायलट ने कहा 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर 1 दिन का अनशन करूंगा.

2018 में सरकार बनने के बाद चल रहा फेस वार
वर्ष 2018 में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के जीतने के बाद से ही गहलोत वर्सेज पायलट का एपिसोड चल रहा है. 2020 के मानेसर एपिसोड के बाद पायलट पर कार्रवाई भी हो चुकी है और उनका प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम का पद भी छीना जा चुका है. सरकार के इस कार्यकाल में ऐसे कई मौके आए जब दोनों की बयानबाजियों ने राजनैतिक सरगर्मी बढ़ा दी. ये माना जा रहा था कि चुनाव से पहले आलाकमान पायलट के पक्ष में कोई फैसला लेगी. राजनैतिक विशेषज्ञों की मानें तो चुनाव बेहद करीब आने के बाद भी उनके पक्ष में कोई फैसला न होने और 25 सितंबर को आलाकमान के खिलाफ गहलोत समर्थक विधायकों के खुलेआम बगावत एपिसोड पर कार्रवाई न होने से पायलट असंतुष्ट हैं.

इधर बेनीवाल ने दिया ये ऑफर
पायलट के प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने उन्हें अपने साथ आने का ऑफर दिया. उन्होंने दावा किया कि यदि पायलट उनके साथ आ जाएं तो वे कांग्रेस और बीजेपी दोनों को हरा देंगे. इसके बाद पायलट का प्रेस कॉन्फ्रेंस और अनशन इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है कि वे भी कोई बड़ा फैसला लेने के मूड में हैं.

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