मुंह में घास लिए वीरांगनाओं ने फिर किया CM हाउस कूच, दिव्या मदेरणा ने सीएम से की ये अपील
Jaipur News: राजधानी में 10 दिन से धरने पर बैठीं वीरांगनाओं की मांग जब सीएम गहलोत ने नकार दी तो वे मुंह में घास दबाए सीएम हाउस की तरफ कूच कर गईं. वहां पुलिस ने बैरिकेडिंग पर उन्हें पहले ही रोक लिया. उनके साथ भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी थे. पुलिस से धक्का-मुक्की के […]
ADVERTISEMENT
Jaipur News: राजधानी में 10 दिन से धरने पर बैठीं वीरांगनाओं की मांग जब सीएम गहलोत ने नकार दी तो वे मुंह में घास दबाए सीएम हाउस की तरफ कूच कर गईं. वहां पुलिस ने बैरिकेडिंग पर उन्हें पहले ही रोक लिया. उनके साथ भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी थे. पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद जब वे अंदर नहीं जा पाईं तो मुंह में घास दबाए पेट के बल लेट गईं.
इस मार्मिक दृश्य को ट्वीट करते हुए कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने एक के बाद एक कुल तीन ट्वीट किए. दिव्या मदेरणा ने लिखा- ‘यह बहुत ही संवेदनशील मामला है और हर भारतीय के दिल को छूता है, मैं मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी से आग्रह करती हूं वह तुरंत सभी काम छोड़कर शहीद के परिवार से मिले व उन्हें समझाएं कि क्या सहायता दे रहे है व देवर को नौकरी नहीं दे सकते क्योंकि यह सुनिश्चित करना है कि शाहिद के ..’
3/3 महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इन पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित करें जो वीरांगनाओं को असामाजिक तत्वों की तरह इनसे इतना अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। यह हमारी सरकार को खराब रोशनी में डालता है।दो तीन महिलाएं किसी के लिए खतरा नहीं हो सकती हैं,वे इस व्यवहार के लायक बिल्कुल भी नहीं हैं।
— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) March 9, 2023
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
दिव्या ने दूसरे ट्वीट में लिखा- ‘बच्चों के भविष्य से समझौता नहीं किया जा सकता है। जब वह बड़े होंगे तो उनका भविष्य इस नौकरी से सुरक्षित होगा ।यह बात वह स्वयं मिलकर समझाएँगे तो उनके दुखो पर शायद मलहम का काम करे।’
उन्होंने तीसरे ट्वीट में लिखा- ‘महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इन पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित करें जो वीरांगनाओं को असामाजिक तत्वों की तरह इनसे इतना अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। यह हमारी सरकार को खराब रोशनी में डालता है।दो तीन महिलाएं किसी के लिए खतरा नहीं हो सकती हैं,वे इस व्यवहार के लायक बिल्कुल भी नहीं हैं।’
ADVERTISEMENT
सीएम के ट्वीट से आक्रोशित हुईं वीरांगनाएं
जयपुर के सिविल लाइंस स्थिति पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास के बाहर धरना दे रहीं शहीदों की वीरांगनाओं का सब्र का बांध टूट पड़ा. सभी रोती बिलखती मुंह में तिनका दबाए नंगे पैर दंडवत करते हुए सीएम हाउस की तरफ निकल पड़ीं. जिसके बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए. एकाएक वीरांगनाओं को सीएम हाउस जाने से पहले ही रोक लिया गया. जहां बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा भी मौजूद रहे.
ADVERTISEMENT
ऐसे राज्य का विनाश निश्चित है- डॉ. किरोड़ी मीणा
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि वीरांगनाओं ने अब सरकार से ‘दसन गहहु तृन कंठ कुठारी’ के जरिए याचना की हैं, लेकिन निष्ठुरता की सीमा पार कर चुके राजस्थान के राजा यानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व्यर्थ की बयानबाजी कर रहें हैं. ऐसे राज्य का विनाश निश्चित है. यदि वीरांगनाओं को कुछ भी हो गया तो राजस्थान सरकार जिम्मेदारी होगी.
बता दें कि, एक दिन पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने लिखा की शहीद हेमराज मीणा की पत्नी उनकी तीसरी मूर्ति एक चौराहे पर स्थापित करवाना चाहती हैं जबकि पूर्व में शहीद की दो मूर्तियां राजकीय महाविद्यालय सांगोद के प्रांगण और उनके पैतृक गांव विनोद कलां स्थित पार्क में स्थापित की जा चुकी हैं. ऐसे में ये मांग अन्य शहीद परिवारों को दृष्टिगत रखते हुए उचित नहीं है. वहीं शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी अपने देवर के लिए अनुकम्पा नियुक्ति मांग रही हैं.
अगर शहीद लांबा के भाई को नौकरी दे दी जाती है तो आगे सभी वीरांगनाओं के परिजन-रिश्तेदार उनके और उनके बच्चे के हक की नौकरी अन्य परिजन को देने का अनुचित सामाजिक और पारिवारिक दबाव डालने लग सकते हैं. ऐसे में शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है और जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा. लेकिन भाजपा के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं.
ADVERTISEMENT