शहीदों की पत्नियां धरने से अचानक हुईं गायब, अब दिल्ली में प्रियंका गांधी से CM गहलोत की करेंगी शिकायत!
Jaipur News: जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं पुलवामा शहीदों की वीरांगनाएं अचानक लापता हो गई हैं. जिसके बाद जयपुर पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं. पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री निवास के बाहर की गई अभद्रता के बाद से इन तीन महिलाओं और परिजनों का अता-पता नहीं है. उधर धरने पर मौजूद […]
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Jaipur News: जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं पुलवामा शहीदों की वीरांगनाएं अचानक लापता हो गई हैं. जिसके बाद जयपुर पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं. पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री निवास के बाहर की गई अभद्रता के बाद से इन तीन महिलाओं और परिजनों का अता-पता नहीं है.
उधर धरने पर मौजूद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल से नेताओं के मिलने जुलने का सिलसिला जारी रहा. सूचना यह है कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीरांगनाओ की एक ना सुनी तो अब वो दिल्ली में प्रियंका गांधी से मिलेंगी.
ये रणनीतिक हिस्सा है- किरोड़ी लाल मीणा
शहीद स्मारक पर पिछले एक सप्ताह से धरने पर बैठे डॉ. किरोड़ीलाल ने अचानक गायब हुई वीरांगनाओ को लेकर कहा कि यह रणनीति का हिस्सा है और आगामी दिनों में इसका खुलासा होगा. इधर वीरांगनाओ का एकाएक लापता हो जाना पुलिस के लिए गले की फांस बन चुका है. जबकि किरोड़ीलाल मीणा पुलिस को अपने हर आंदोलन में चकमा देने में कामयाब होते है और पुलिस को कानों कान खबर तक नहीं लग पाती है.
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महिला दिवस पर वीरांगनाओं की ये रणनीति?
सूचना यह है कि सूबे के मुख्यमंत्री ने जब वीरांगनाओ की एक ना सुनी तो अब वो प्रियंका गांधी से मिलने दिल्ली गई हैं. जहां वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत प्रियंका गांधी से कर सकती हैं और साथ ही अपनी मांगों को लेकर न्याय भी मांगेगीं. क्योंकि प्रियंका गांधी ने ही “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का नारा दिया था और अब महिला दिवस को देखते हुए वीरांगनाएं उनके दर पर पहुंच आपबीती सुनाना चाहती हैं.
राजस्थान पुलिस को झूठ बोलने से बाज आना चाहिए- करोड़ी
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि शहीदों की पत्नियों से मारपीट की गई थी. मंजू जाट को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब मंजू का कुछ पता नहीं है. साथ ही शहीद स्मारक पर बैठीं अन्य 2 शहीदों के परिजनों का भी पता नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने निर्दयता के साथ महिलाओं को उनके दो साल के बच्चों के सामने शनिवार को मारा था, लेकिन सरकार पुलिस के जरिए ट्विट करवा रही है कि मुख्यमंत्री आवास जाते समय पुलिस ने वीरांगनाओ से गलत व्यवहार नहीं बल्कि समझाइश कर धरना स्थल पर छोड़ा था. ऐसे में अमर शहीदों की वीरांगनाओं से सड़क पर सरेआम अभद्रता करने वाली राजस्थान पुलिस को झूठ बोलने से बाज आना चाहिए. वीरांगनाओं के आंसू गहलोत सरकार पर कलंक हैं, जिनका जवाब उन्हें देना चाहिए. दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश की पुलिस झूठे बयान जारी कर रही है.
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