Udaipur News: रणथंभौर टाइगर रिजर्व से टी-104 को उदयपुर लाया गया. जहां सज्जनगढ़ के बायोलॉजिकल पार्क के एनक्लोजर में मंगलवार शाम को छोड़ा गया. यह खूंखार बाघ पिछले साढ़े 3 साल में तीन लोगों की जान ले चुका है. उग्र स्वभाव के चलते चर्चा में आए इस बाघ को लेकर आशंका जताई गई थी.
खुले जंगल में छोड़ने से इंसाने के लिए खतरा पैदा हो सकता था. ऐसे में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी (एनटीसीए) ने उसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने की मंजूरी दी थी. डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि टाईगर टी-104 की यहां पूरी तरह से देखभाल की जाएगी.
इसकी ब्रिडिंग से सज्जनगढ़ में टाइगर की जेनेटिक पुल डायवर्सिटी बढ़ने की पूरी संभावना है. गौरतलब है कि टी-104 को ब्लू आई के नाम से जाना जाता है. टी-104 ने 8 माह के अंदर रणथंभौर क्षेत्र में 3 लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद टी-104 रणथंभौर की तालडा रेंज के भिड़ नाका स्थित एनक्लोजर में रह रहा था. जिसके करीब साढ़े तीन साल बाद यहां से उसे शिफ्ट किया गया.
उस्ताद को भी मिली थी ऐसी सजा
बताया जा रहा है कि टी-104 को वही रखा जाएगा, जहां कभी उस्ताद रहा करता था. साल 2006 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व जंगल में जन्म होने के बाद टी-24 उस्ताद ने भी 4 लोगों का शिकार कर दिया था. टी-104 की तरह ही सनसनी मचाने वाले इस नरभक्षी बाघ को साल 2015 में रणथंभौर नेशनल पार्क से उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया. जहां शिफ्ट किए जाने के बाद यह टाइगर कई बीमारियों से जूझा. एंक्लोजर में सिमट जाने के बाद वह उभर नहीं पाया और 8 साल से सजा भुगत रहे बाघ की साल 2022 में मौत हो गई.