Exclusive Interview: राहुल गांधी की यात्रा में जाने से रोकने के लिए खुफिया तंत्र मेरे पीछे-उपेन यादव

गौरव द्विवेदी

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Exclusive Interview of Upen Yadav: आज भारत जोड़ो यात्रा का 11वां दिन है. इस बीच उपेन यादव ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया हैं. उनका आरोप हैं कि सरकार का खुफिया तंत्र हर समय इस बात की निगरानी कर रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा में जा रहा हूं या नहीं. सरकार का खुफिया तंत्र नहीं चाहता कि हम लोग उनसे मुलाकात करें. अगर मैं जाता तो मुझे गिरफ्तार कर लेते. इस दौरान उन्होंने अगले चुनाव में ताल ठोकने की भी बात कहीं. Rajasthan Tak से खास बातचीत में बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष यादव ने बेरोजगार में मुद्दे और सरकार की योजनाओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. पढ़िए इस विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश…

सवाल : भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी नौजवान से बात कर रहे हैं, आपने मिलने का नहीं सोचा?
जवाब: सरकार हर समय यह पता लगाने में जुटी हुई है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जा रहा हूं या नहीं. पुलिस प्रशासन और सरकार का खुफिया तंत्र नहीं चाहता था कि हम लोग उनसे मुलाकात करें. अगर मैं जाता तो मुझे गिरफ्तार कर लेते. मुझे मिलने से रोका गया. वहां कार्यकर्ता से ज्यादा पुलिस के जवान लगे हुए है. लेकिन मैं बेरोजगार की मांग को उठाता रहूंगा. सीएम पर भी मुझे विश्वास है कि वह हमारी बात सुनेंगे.

सवाल : आपके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ. उससे आपकी छवि पर असर होगा?
जवाब: मेरे अब तक के संघर्ष के चलते 2 लाख लोगों को नौकरी मिली है. 19 नवंबर का दिन मेरे लिए काला दिन था. साल 2016 के मामले में झूठे मुकदमा दर्ज किया गया और 10 दिन तक मुझे जेल में रखा गया. सवाल यह है कि 6 साल तक मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? जब मैं गिरफ्तार हुआ तो कोर्ट में सभी पुराने मामले पेश किए गए. अब तक ये मामले क्यों नहीं पेश किए गए? जेल जाने के बाद भी युवाओं को पता था मैं सही हूं. युवाओं ने मेरा समर्थन किया. जब मैं जेल गया तो मीडिया ने पुलिस और प्रशासन के आधार पर खबर चलाई. लेकिन मुझे यह अहसास हुआ कि जब एक व्यक्ति बेगुनाह साबित होता है तो षड़यंत्र की बातें बाहर नहीं आती. कई लोग जो झूठे मुकदमे के बाद वापस आते है तो उन्हें उनकी खोई इज्जत नहीं मिल पाती.

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सवाल: आपकी सीएम अशोक गहलोत को लेकर क्या नाराजगी हैं?
जवाब: मुख्यमंत्री ने जो अच्छे काम किए. उसके लिए धन्यवाद भी दिया. हमारी लड़ाई यह है कि देश के 20-21 राज्यों में नौकरी में स्थानीय को प्राथमिकता दी जाती है तो हमारे राजस्थान में नौकरी को लेकर युवाओं को प्राथमिकता क्यों नहीं? पिछले 3 साल से प्राथमिकता को लेकर हमारी लड़ाई जारी है. सरकार के पहले बजट की घोषणाएं ही पूरी नहीं हुई है. अब युवाओं के लिए विशेष तौर बजट घोषणाओं की बात हो रही है. संस्कृत शिक्षा में अनुदेशक सहित कई भर्तियों की मांग हो या लेवल-2 पद में 6 हजार पद खत्म करने की बात. हम हर लड़ाई को लड़ेंगे.

सवाल: राज्य में गेस्ट फैकल्टी की भर्ती को लेकर आपने विरोध किया?
जवाब: प्रियंका गांधी तो नारा देती हैं कि संविदा पर काम यानी युवाओं का अपमान. तो राजस्थान में विद्या संबल योजना क्यों चलाई जा रही है. ठेके की इस प्रक्रिया को बंद की जानी चाहिए. नई भर्ती निकाली जाए और युवाओं को नौकरी दी जाए.

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सवाल: राजस्थान के युवाओं की लड़ाई थी, यूपी और गुजरात में विरोध प्रदर्शन से बीजेपी की मदद नहीं हुई?
जवाब: 23 मई को बड़ा आंदोलन हुआ. फिर जून में आंदोलन हुआ. जिसके बाद सरकार ने मुकदमा दर्ज करना शुरु कर दिया. राजस्थान में जब विरोध पर रोक हुई तो मजबूरी में गुजरात जाना पड़ा. क्योंकि पुलिस यहां लाठीचार्ज करने लगी और जेल में डालने लगी.

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सवाल : क्या इससे 2023 में बीजेपी को फायदा नहीं होगा? क्योंकि बेरोजगार के मुद्दे को विपक्ष भी भुनाता है?
जबाव: हम किसी भी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं रखते. मुझे बीजेपी सरकार में भी जेल जाना पड़ा. लेकिन जब वोट की चोट होती है तो सरकार भी अच्छे से सुनती है.

सवाल: साल 2023 में चुनाव है अब आपकी रणनीति क्या होगी?
जवाब: 9 फरवरी से राज्य भर में न्याय एवं रोजगार दो यात्रा करेंगे. हर ग्राम पंचायत में यात्रा जाएगी. यात्रा 8-9 महीने के लिए प्रदेश में रहेगी. साल 2023 का चुनाव रोजगार और नौकरी के मुद्दों पर होगा.

सवाल : अगले चुनाव में आप भी चुनाव लड़ेगे?
जवाब: अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानें तो नेताओं को सीधी टक्कर युवा देगा. मैं ही नहीं हर युवा मैदान में होगा. नेताओं के खिलाफ युवा मैदान में होगा. जीत की चाबी 2023 में युवाओं के हाथ में होगी.

सवाल : कांग्रेस सरकार के खिलाफ बिगुल बजा रहे है. बीजेपी को लेकर रूख क्या है?
जवाब: बीजेपी सरकार में भी मेरे खिलाफ मुकदमें दर्ज हुए. सरकार आने के बाद कांग्रेस ने ये मुकदमे वापस लिए. बीजेपी को अपना विपक्ष का धर्म निभाना चाहिए. जब हम दांडी यात्रा निकाल रहे थे तो बीजेपी मौन थी. दोनों पार्टियां ये ना सोचें कि तीसरा विकल्प नहीं है. राजस्थान में इन दोनों पार्टी से अलग भी रास्ता है.

सवाल: गहलोत सरकार पेपर लीक के बाद कानून भी लाई. अब आपकी मांग क्या हैं?
जवाब: राजस्थान में भर्तियां तो खूब निकाली है. लेकिन पेपर लीक के मामले थम नहीं रहे. सरकार बिल लाई हम इसका स्वागत करते हैं. लेकिन कांग्रेस नेता की झोटवाड़ा (जयपुर) में स्कूल से पेपर लीक हुआ. उस स्कूल की मान्यता अभी तक रद्द नहीं हुई है. हमारी मांग हैं कि उस स्कूल की मान्यता रद्द की जाए.

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