Year Ender 2022: मर्डर, गैंगवार और मॉब लिंचिंग से दहला राजस्थान, जानें इस साल हुए 10 खौफनाक अपराधों की कहानी

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फोटो: राजस्थान तक
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Year Ender 2022: साल 2022 को अलविदा कहकर हम नए साल 2023 का स्वागत करेंगे. ऐसे में बीते साल की अच्छी और बुरी यादों के साथ कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिनको याद करते ही दिल दहला जाता है. इस साल ऐसी ही कुछ घटनाएं राजस्थान में हुई. तो हम बात करेंगे राजस्थान में हुई खौफनाक घटनाओं की, जिनकी चर्चा पूरे देशभर में रही… कन्हैया लाल हत्याकांड, भरतपुर, जयपुर में संतों के आत्मदाह से लेकर पुजारियों पर हमले हुए. जालोर में दलित छात्र की पिटाई से लेकर अलवर में ठेले वाले की मॉब लिंचिंग तक कई खौफनाक घटनाएं हुई.

वहीं नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में भी रेप मामलों में राजस्थान की बुरी स्थिति रही. प्रदेश पूरे साल गैंगवार, सांप्रदायिक हिंसा, मर्डर जैसे क्राइम से जूझता रहा. इन अपराधों के सामने पुलिस-प्रशासन भी बेबस रहा. इस कारण सालभर सरकार को आलोचना भी झेलनी पड़ी. अब 2022 के जाते-जाते सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या जैसे मामलों ने राजस्थान सरकार और पुलिस-प्रशासन को बैकफुट पर ला दिया है. तो जानिए राजस्थान में साल 2022 में हुई बड़ी घटनाएं…

1. देवा गुर्जर मर्डर केस
4 अप्रैल को रावतभाटा में कोटा बैरियर डैम रोड पर सैलून में बीच बाजार दिनदहाड़े डॉन देवा गुर्जर (40) की हत्या कर दी गई थी. 10 से 15 बदमाशों ने देवा पर गंडासे, धारदार हथियारों, कुल्हाड़ी, रिवाल्वर से भरे बाजार में हमला कर बेरहमी से मर्डर कर डाला. घटना के बाद इलाके समेत पूरे राज्य में सनसनी मच गई. साथ ही बाजार में दहशत फैल गई, लोग बाजार से घर भाग गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि देवा गुर्जर अपने साथियों के साथ वाहनों की मरम्मत कराने के लिए आया था. इस दौरान साथी कहीं आसपास चले गए थे. तभी गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया.

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इलाके में फैल गया था तनाव, गुस्साई भीड़ ने की आगजनी
हिस्ट्रीशीटर डॉन देवा गुर्जर के मर्डर के बाद कोटा में तनाव फैल गया था. समर्थकों की भीड़ बवाल करने लगी थी. आम लोगों में भी गुस्सा था. गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. भीड़ ने रोडवेज बसों सहित कई जगह आग लगा दी थी. इस घटना की पूरे प्रदेश में चर्चा रही थी.

2. करौली सांप्रदायिक हिंसा
करौली जिले में 2 अप्रैल को नव संवत्सर पर निकाली जा रही बाइक रैली और शोभायात्रा पर पथराव के बाद सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था. करौली सहित पूरे राजस्थान में तनाव की स्थिति हो गई थी. दंगाइयों ने 40-50 दुकानों में आग लगा दी थी. सैंकड़ों वाहन आग के हवाले किए गए. पूरे शहर में पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी से माहौल बिगड़ गया था. स्थिति को काबू करने के लिए प्रशासन को करौली में कर्फ्यू लगाना पड़ा. वहीं इस घटना के बाद इलाके के कुछ लोगों के पलायन करने का मामला भी सामने आया. इस घटना ने राजस्थान जैसे शांत प्रदेश की छवी पर दाग लगाया. वहीं लोगों को इस घटना झकझोर कर रख दिया. जिसके बाद सरकार और प्रशासन की भी जमकर किरकरी हुई.

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हिंसा के कारण शहर में कई दिन तक कर्फ्यू लगा रहा, नेट बंदी रही. लोगों में भय का महौल पैदा हो गया. चश्मदीद लोगों ने बताया था कि घटना को याद करते ही रुह कांप जाती है. हलांकि कई दिन बाद फिर से शहर के लोगों का जीवन पटरी पर लौटा. लेकिन दंगों का दंश जेहन में अभी तक है. इस खौफनाक घटना को भूलना उनके लिए मुश्किल है.

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3. उदयपुर में टेलर कैन्हया लाल हत्याकांड
28 जून को कन्हैयालाल की दिनदहाड़े दो मुस्लिम युवकों ने निर्मम हत्या कर दी थी. जिसे तालीबानी तरीके से हत्या करना बताया गया. पूरे देश में इस हत्याकांड को लेकर आक्रोश देखा गया था. हत्यारों ने टेलर कन्हैया की खौफनाक तरीके से गर्दन रेतकर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने इसका खौफनाक मंजर का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाला. घटना के बाद पूरे देश के लोगों में गुस्सा देखा गया. देश के हर कोने में इसका जमकर विरोध देखा गया. प्रदेश में इतने तनाव के हालात हो गए कि आनन-फानन में कई दिनों तक नेटबंदी की गई. दिनदहाड़े वीभत्स हत्या और वायरल वीडियो ने सभी को हिला कर रख दिया. मामले में दो आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई. जिसमें 7 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. अब इस घटना में पाकिस्तानी हाथ होने की भी पुष्टि हुई है.

बताया गया कि 10 दिन पहले कन्हैया लाल के बेटे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेत्री रही नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डाली थी. जिसको लेकर उसको मारने की धमकियां भी मिलने लगी थी. जिसकी सूचना टेलर ने पुलिस को भी दी थी. इसके बाद पुलिस पर भी सवाल उठे थे. हत्यारों ने घटना की ज़िम्मेदारी लेते हुए ये भी कहा था कि इस्लाम की निंदा करने वालों के साथ यही सुलूक किया जाएगा और जिसने भी विवादित भाषणों का समर्थन किया उसका यही हस्र होगा.

4. शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत
दलित छात्रजालोर के सुराणा गांव में 20 जुलाई को एक निजी स्कूल में तीसरी कक्षा के दलित छात्र की शिक्षक ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी. पिटाई इतनी तेजी की छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया. उसके कान और आंख में अंदरूनी चोटें आईं. छात्र को इलाज के लिए अहमदाबाद ले जाया गया. जहां 24 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था. परिजनों का आरोप था कि मटके से पानी पीने से नाराज होकर शिक्षक ने मारपीट की थी. पूरे मामले को छुआछुत का रंग दिया गया. छात्र की मौत की मौत के बाद पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन हुए.

5. भरतपुर में पुजारी का आत्मदाह
भरतपुर के पसोपा गांव में पुजारी आत्मदाह मामला चर्चा में रहा था. 22 जुलाई को संत बाबा विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली थी. वे साधु-संतों के साथ 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे. अवैध खनन की सुनवाई नहीं होने पर खुद को आग लगा ली. इसके बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए थे. पुलिसकर्मियों ने ही कंबल डालकर आग बुझाई, तब तक वे करीब 80 फीसदी जल चुके थे. इसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही साधू-संतों सहित प्रदेश के लोगों आक्रोशित हो गए थे. इस घटना से पूरे संत समाज में रोष देखा गया.

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6. अलवर मॉब लिंचिंग, चोरी के शक में पीट-पीट कर मार डाला
14 अगस्त को अलवर में मॉब लिंचिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया था। जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के रामबास गांव में चिरंजीलाल (45) को एक समुदाय के 20-25 लोगों ने बुरी तरह से पिटाई की थी, जिसकी इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. दरअसल, वह सुबह करीब 5 बजे घर के पास खेत में टॉयलेट करने गया था. इस दौरान स्कॉर्पियो और पिकअप में सवार होकर आए 20-25 लोगों ने खेत में ही उसे बेरहमी से पीटा. चीख-पुकार सुनकर लोग भागकर खेत में पहुंचे तो चिरंजीलाल वहां अधमरा पड़ा था. आरोपी भी वहीं खड़े थे और चिरंजीलाल पर ट्रैक्टर चोरी का आरोप लगा रहे थे.

बाद में पता चला कि अलवर के सदर थाना क्षेत्र से चोर एक ट्रैक्टर को चोरी करके भाग रहे थे. ट्रैक्टर मालिक और पुलिस अपने-अपने स्तर पर चोरों का पीछा कर रहे थे. चोरों ने अपने आप को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़कर भाग गए. पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक वहां आ गए और खेत में शौच कर रहे चिरंजी माली को चोर समझकर बेरहमी से पीटा. पिटाई से घायल चिरंजी 34-35 घंटे बाद मौत हो गई. इस घटना ने बहुत तुल पकड़ लिया था.

7. जयपुर में पुजारी का आत्मदाह प्रकरण
राजधानी जयपुर में 18 अगस्त को लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी गिर्राज शर्मा ने खुद को आग ली थी. जिनकी 19 अगस्त को इलाज के दौरान आज मौत हो गई थी. मंदिर समिति से विवाद के कारण पुजारी ने नई सड़क पर निकल कर आत्मदाह कर लिया था. मामले में मुरलीपुर थाने में 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ. आत्मदाह करने वाले पुजारी का 18 घंटे तक उपचार चला. इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों में भयंकर आक्रोश देखा गया. राजधानी में शांति व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. वहीं घटना के बाद कर्फ्यू लगाकर नेटबंदी की गई. प्रदेश सरकार को ऐसी घटनाओं को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं इस साल साधू-संतों के आत्मदाह, मर्डर और हमलों को लेकर संत समाज में नाराजगी देखी गई. वहीं पूरे देश में राजस्थान की छवि खराब हुई.

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8. जयपुर में श्रद्धा जैसा मर्डर, ताई टुकड़े-टुकड़े कर जंगल में फेंका
11 दिसंबर को जयपुर में दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर जैसा सनसनीखेज मामला सामने आया. यहां 32 वर्षीय भतीजे अनुज शर्मा ने अपनी ताई सरोज शर्मा की हथौड़े से वार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद मार्बल कटर से शव के 8-10 टुकड़े कर डाले और फिर जंगल में ठिकाने लगा दिया. इसके बाद आरोपी हरिद्वार भाग गया. मृतका सरोज शर्मा की बेटियों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच की तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 11 दिसंबर को उसने ताई से कहा कि वह दिल्ली में कीर्तन के लिए जा रहा है. ताई ने वहां जाने से मना किया तो ताई-भतीजे में बहस हो गई.

इसके बाद गुस्साए अनुज ने हथौड़े से सिर पर वार कर ताई की हत्या कर दी. हत्या के बाद वह शव को बाथरूम में ले गया, जहां मार्बल कटर से उसके टुकड़े कर एक सूटकेस और बाल्टी में पैक किया. इसके बाद कार से दिल्ली-सीकर हाईवे पर पहुंचा. यहां सूटकेस और बाल्टी में रखे शव के टुकड़ों को जंगल में फेंककर मिट्टी में दबा दिया. इस पूरे घटनाक्रम से राजधानी में सनसनी मच गई थी.

9. आपसी विवाद में गैंगस्टर महेंद्र मीणा को गोली मार हत्या की
1 दिसंबर को जयपुर में एक और दिल दहला देने वाला सामने आया. आपसी विवाद में गैंगस्टर महेंद्र मीणा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. महेंद्र मीणा गोदावरी अपार्टमेंट के पास चाय की दुकान पर बैठा था. तभी विनीत मेडी गैंग के बदमाशों ने महेंद्र पर हमला कर तीन राउंड फायर कर डाले. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जांच में सामने आया कि विनीत मेडी और महेंद्र मीणा गैंग लंबे समय से जयपुर में लड़कियां स्पलाई और सट्टे का काम कर रही थी. करीब एक साल तक दोनों ने साथ मिलकर ऑनलाइन लड़कियां सप्लाई और सट्टे का कारोबार कर खूब पैसा कमाया था.

पैसों को लेकर हुआ विवाद और बन गए दुश्मन
धंधे के दौरान पैसों के लेन-देन को लेकर आपस में विवाद हुआ तो दोनों अलग हो गए और एक दूसरे के दुश्मन बन गए. विनीत मेडी गैंग ने महेंद्र मीणा से बदला लेने की योजना बनाई. इसके बाद रैकी कर एक दिसंबर को गोली मारकर महेंद्र की हत्या कर दी गई. इस गैंगवार के बाद दहशत का माहौल हो गया था. पुलिस ने इस मामले में भरत लाल मीणा (25) पुत्र रामरतन मीणा, प्रियांशु मीणा (21) पुत्र भगवान सहाय मीणा, यादराम मीणा (28) पुत्र किरोडी लाल और मोनू कटकड (29) पुत्र रामचरण मीणा को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी करौली जिले के रहने वाले हैं।

10. बहुचर्चित गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड
3 दिसंबर को सीकर जिले में दिनदहाड़े बदमाशों ने गैंगस्टर राजू ठेहट को गोलियों से भून दिया था. 5-6 बदमाशों ने कोचिंग छात्र बन ठेहट को उसके घर बाहर गोली मारी थी. वहीं गोली मारकर फरार होते समय बदमाशों ने बेटी से मिलने आए एक व्यक्ति की भी गोली मार हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद राजस्थान में सनसनी मच गई थी. गैंगवार के मामले में प्रदेश का फिर नाम खराब होने लगा था. हत्या के विरोध में 3 तक सीकर शहर बंद रहा था. करीब 48 घंटे तक शव रख कर विरोध-प्रदर्शन हुआ था.

इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने ली थी. रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उसने आनंदपाल और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है, राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से पुरानी रंजिश थी. जमानत पर बाहर आने के बाद उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं, लेकिन पुलिस ने उसे सुरक्षा नहीं दी. मौका लगते ही हत्यारों ने गैंगस्टर को गोलियों से भून दिया. पुलिस ने ठेहट की हत्या के आरोप में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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