Alwar: 10वीं बोर्ड परिणाम में स्कूल का रिजल्ट रहा शून्य, 11 में से 10 छात्र फेल, एक आया सप्लीमेंट्री 

Santosh Sharma

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Alwar: 10वीं बोर्ड परिणाम में स्कूल का रिजल्ट रहा शून्य, 11 में से 10 छात्र फेल, एक आया सप्लीमेंट्री 
Alwar: 10वीं बोर्ड परिणाम में स्कूल का रिजल्ट रहा शून्य, 11 में से 10 छात्र फेल, एक आया सप्लीमेंट्री 
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Alwar: अलवर जिले के किशनगढ़बास उपखण्ड क्षेत्र के न्याणा गांव के एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा का परिणाम शून्य रहा. राजकीय प्रवेशिका संस्कृत स्कूल के दसवीं बोर्ड के हाल में घोषित परीक्षा में 11 छात्रों में से 10 फेल हो गए. जबकी एक छात्र सप्लीमेंट्री आया है. स्कूल का परिणाम जीरो आने के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है और उन्होंने स्कूल में पोस्टेड सभी शिक्षकों को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को नहीं हटाया गया तो वह स्कूल को नहीं चलने देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल में शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नहीं थे इसलिए परिणाम शून्य रहा है. स्कूल के परिणाम शून्य रहने से मेवात क्षेत्र में शिक्षा के स्तर के ढांचे की पोल खोल के रख दी है.

संत्राक भी पूरा भेजा गया

शिक्षकों ने रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए छात्रों को 20 नंबर के सत्रांक में 20 नंबर देकर भेजा था. लेकिन बोर्ड की एग्जाम में फेल हो गए. कई छात्रों के परीक्षा में 80 में से केवल 2 से लेकर 10 नंबर ही आये हैं. संत्राक 20 में से 20 भेजे जाने के बाद भी परिणाम ने इस स्कूल की पोल खोलकर रख दी है. स्कूलों में से 17 अंक के जो नंबर भेजे जाते हैं उसको लेकर भी सवाल खड़े होते हैं कि शिक्षक किस आधार पर उन्हें 20 में से 20 अंक दिए हैं. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है.

2021 में स्कूल को किया गया था क्रमोन्नत

राज्य सरकार ने स्कूल को वर्ष 2021 में इस स्कूल को क्रमोन्नत किया था. लेकिन उनमें पर्याप्त टीचर नहीं लगाए. जो पदस्थापित थे वह स्कूल से नदारद रहते. ऐसे ही हालात में किशनगढ़बास क्षेत्र के न्याणा गांव में राजकीय प्रवेशिका संस्कृत स्कूल की कक्षा 10 में सभी बच्चे फेल हो गए. कुल 11 विद्यार्थियों में से 10 फेल और एक छात्र सप्लीमेंट्री आया है. पर यह बात ग्रामीणों को पता चली तो उनमें आक्रोश व्याप्त है.

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स्कूल में कुल 6 टीचर मौजूद

गौरतलब है कि कुल 150 छात्र संख्या वाले इस स्कूल में प्रधानाध्यापक सहित कुल 6 टीचर हैं. स्कूल किशनगढ़बास में नौगांवा रोड पर करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है. हेड मास्टर कैलाश चंद तथा शिक्षक त्रिलोक, लक्की, अजीत सिंह व मस्तराम पदस्थापित है. लेकिन परिणाम आने के बाद ग्रामीणों में नाराजगी है और सभी शिक्षकों को यहां से हटाने की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीणों का आरोप क्लास में पढ़ाने नहीं आते टीचर

10वीं का रिजल्ट आने के बाद ग्रामीण समसुद्दीन का कहना है कि स्कूल में अधिकतर बच्चे मुस्लिम समाज के हैं. स्कूल में टीचर कम हैं, जो हैं वो भी क्लास में पढ़ाने नहीं आते. एक-दो क्लास ही लगती थी इसलिए बच्चे स्कूल के पास जोहड़ पर खेलने चले जाते थे. कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था.

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एक कमरे में लगती है 3-3 क्लास

स्कूल में प्रधानाध्यापक कक्ष सहित कुल 5 कमरे हैं. तीन-तीन कक्षाओं को साथ बैठाकर क्लास लगती हैं. गांव न्याणा के परमल खान, हमीदा शेर मोहम्मद, मूहर खान ने बताया कि स्कूल स्टाफ देरी से आता है. वहीं मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद ने कहा मेवात के गांव में शिक्षा का स्तर बदहाल है. अगर स्कूल खुलने पर यही स्टाफ रहा तो ताला जड़ दिया जाएगा.

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