जैसलमेर: बूचड़खानों और मीट की दुकानों पर चला बुलडोजर, भजनलाल सरकार के आदेश के बाद बड़ा एक्शन

राजस्थान तक

20 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 20 2024 9:21 PM)

जैसलमेर में धार्मिक स्थलों के पास अवैध रूप से संचालित बूचड़ खानों व मांस की दुकानों पर नगर परिषद ने बुलडोजर चलाते हुए अवैध दुकानों को ध्वस्त किया गया.

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जैसलमेर में धार्मिक स्थलों के पास अवैध रूप से संचालित बूचड़ खानों व मांस की दुकानों पर नगरपरिषद ने बुलडोजर चलाते हुए अवैध दुकानों को ध्वस्त किया गया. शहर के बाड़मेर व जोधपुर रोड़ पर चल रही अवैध दुकानों को नगरपरिषद बुलडोजर चला कर हटा रही है. नगरपरिषद ने टीम बनाकर पहले तो इन दुकानदारों को केबिन लगाकर खुले में मटन बेचने को लेकर मनाही की थी. लेकिन जब दुकानदार नहीं माने तब इनको हटाने की कार्रवाई की गई. निगम की ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

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नगर परिषद ने दिए सख्त निर्देश 

नगर परिषद ने सख्त निर्देश दिए है कि जो भी मांस का विक्रेता है उसको लाइसेंस लेकर ही काम करना होगा. अगर कोई भी मांस को खुले में बिना लाइसेंस के बेचते पाया जाता है तो उसको वहां से तत्काल हटाने की कार्रवाई की जाएगी. नगरपरिषद कमिश्नर लजपाल सिंह ने बताया कि अवैध मीट की दुकानों की लगातार शिकायतें मिल रही थी और हाल ही में बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने भी इन दुकानों पर आपत्ति जताई थी.

कमिश्नर सिंह ने बताया कि शहर में कई जगह बिना लाइसेंस के खुले में मांस का कारोबार किया जा रहा है. इससे शहर का सौंदर्य बिगड़ रहा था, ऐसे में केबिन लगाकर खुले में मांस बेचने वालों को बुलडोजर से हटाया जा रहा है. साथ ही सभी को समझा कर लाइसेंस लेकर ही अपना व्यापार करने के लिए कहा जा रहा है.  

सरकार के आदेश का शहर में नहीं दिख रहा असर!

बता दें कि राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खाने बंद करने के आदेश जारी किए गए थे. लेकिन जैसलमेर में इसका असर नहीं दिख रहा था. शहर और आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से अवैध मांस की दुकानें चल रही थी. पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्वर्ण नगरी जैसलमेर शहर की बात करें तो शहर में एंट्री होते ही ऐसी कई दुकाने चल रही है, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं है. 

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