सौ द्वीपों का यह शहर अब उगलेगा सोना, प्रदेश की पहली गोल्ड माइंस की होगी नीलामी

राजस्थान तक

• 12:10 PM • 14 Feb 2024

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने (Gold) के विपुल भण्डार हैं. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिको ने इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किए जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण के संकेत देखे.

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Gold mines in banswara: सौ द्वीपों का शहर बांसवाड़ा अब अपनी खूबसूरती के चलते ही नहीं, बल्कि एक और वजह से अब पहचाना जाएगा. जल्द ही यहां राजस्थान की पहली गोल्ड यानी सोने की माइंस भी शुरू होगी. जिले के भूकिया-जगपुरा गोल्ड माइंस की नीलामी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है. जिससे करीब 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आंकलन किया जा रहा है. साथ ही कॉपर, निकल और कोबाल्ट आदि खनिज भी यहां निकाले जाएंगे. सोने की दो खानों की ई-नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एक महीने के भीतर ही ऑक्शन के लिए टेंडर भी जारी कर दिए जाएंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा खान के पास ही भूविज्ञान विभाग भी है.

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खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बांसवाड़ा (banswara) के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने (Gold) के विपुल भण्डार हैं. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिको ने इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किए जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण के संकेत देखे.

1 लाख टन से ज्यादा कॉपर का भी होगा एक्सप्लोरेशन

इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आंकलन किया गया है. जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है. यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान एक मोटे अनुमान के अनुसार एक लाख 74 हजार टन से अधिक कॉपर, 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा. राज्य सरकार के राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी की ओर से ऑक्शन के लिए दोनों ब्लॉक को अंतिम रुप दिया जा रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में बढ़ेगी कच्चे माल की उपलब्धता

कॉपर इण्डस्ट्रीज के साथ ही कॉपर का इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी. वहीं, निकल से बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा. कोबाल्ट एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग आदि में उपयोग आ सकेगा. इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी. प्रदेश में कॉपर, निकल, कोबाल्ट से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के विपुल अवसर विकसित होंगे.

राजस्थान में 25 फीसदी सोने के भंडार!

उल्लेखनीय है वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हुट्टी गोल्ड माइंस कंपनी द्वारा गोल्ड का खनन किया जा रहा है. कर्नाटक के ही कोलार गोल्ड फिल्ड में काम हो रहा है. निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन और माइनिंग करती है. आंध्र प्रदेश में डेक्कनगोल्ड माइंस की ओर से गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. देश में सर्वाधिक स्वर्ण भण्डार बिहार में हैं. वहीं, राजस्थान में देश के करीब 25 प्रतिशत स्वर्ण भण्डार माने जा रहे हैं.

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