1971 के भारत-पाक युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट के महानायक भैरो सिंह की ये है कहानी

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19 Dec 2022 (अपडेटेड: Dec 19 2022 11:45 AM)

Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूर सोलंकियातला गांव में जन्में भैरो सिंह राठौड़ 1963 में बीएसएफ में भर्ती हुए. वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जो 13 दिन चला. युद्ध के समय वह डी-कंपनी की 14वीं बटालियन के तीसरे प्लाटून में तैनात थे. इस युद्ध के दौरान […]

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Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूर सोलंकियातला गांव में जन्में भैरो सिंह राठौड़ 1963 में बीएसएफ में भर्ती हुए. वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जो 13 दिन चला. युद्ध के समय वह डी-कंपनी की 14वीं बटालियन के तीसरे प्लाटून में तैनात थे. इस युद्ध के दौरान वे पंजाब बटालियन के लिए गाइड की भूमिका में थे. गौरतलब है कि भैरो सिंह का 80 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. सीने में दर्द बुखार के चलते उन्हें जोधपुर एम्स में भर्ती किया गया था.

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120 सैनिकों की इस बटालियन का नेतृत्व मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी कर रहे थे. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने उस रात का किस्सा साझा किया था. मेजर चांदपुरी ने बताया- ‘लड़ाई 1971 को तीन दिसंबर शाम को शुरू हुई थी. उसमें 60 के करीब पाकिस्तान के टैंक आए थे जिनके साथ करीब 3000 जवान थे. उन्होंने आधी रात को लोंगेवाला पर घेरा डाल दिया था. बाकी फौज का सबसे करीबी बंदा मेरे से 17-18 किलोमीटर दूर था. जब हम घिर गए तो मेरी पंजाब रेजिमेंट की कंपनी को एक आदेश था कि लोंगेवाला एक अहम पोस्ट है जिसके लिए आपको आखिरी बंदे तक लड़ना होगा. हर हालत में उसे कब्जे में रखना होगा. हमने फैसला किया कि हम यहीं लड़ेंगे.’

पाकिस्तान की 60 टैंक गोला बरसाने लगे. उनकी मार करीब 2 किमी तक की थी. बावजूद इसके लांस नायक भैरो सिंह समेत बाकी जवानों ने अदम्य वीरता का परिचय दिया. भैरो सिंह ने अपनी एलएमजी से 25-30 पाकिस्तानियों को मार गिराया. लांस नायक भैरो सिंह ने एलएमजी गन से लगातार 7 घंटे तक फायरिंग की. इस युद्ध में 120 सैनिक पाकिस्तान के 3000 सैनिकों और 60 टैंक पर भारी पड़ गए. ये एक ऐतिहासिक लड़ाई थी. लोंगेवाला के युद्ध में वीरता के लिए साल 1972 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्ला खान ने उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया था. भैरो सिंह 31 दिसंबर 1987 में बीएसएफ से रिटायर हुए थे.

पीएम मोदी ने किया था फोन
विजय दिवस (16 दिसंबर) के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भैरो सिंह के बेटे सवाई सिंह से बात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी थी. भैरो सिंह को 27 सितंबर को भी एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां पर कुछ दिन के बाद छुट्टी दे दी गई थी. एम्स प्रशासन ने भर्ती होने के बाद भैरो सिंह का निशुल्क इलाज करने का फैसला लिया था.

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तस्वीर: अमित शाह के ट्वीटर से.

गृहमंत्री अमित शाह उनसे जाकर मिले थे
5 दिसंबर 2021 में (पराक्रम दिवस के दिन) गृहमंत्री अमित शाह जैसलमेर गए. उस दौरान वे लोंगेवाला पोस्ट के वीर नायक भैरों सिंह राठौड़ से मिले. उन्होंने उनके साथ फोटो ट्वीट कर लिखा- ‘971 के युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट के वीर नायक भैरों सिंह राठौड़ जी से आज जैसलमेर में मिलने का सौभाग्य मिला। लोंगेवाला से दुश्मनों को खदेड़ने की आपकी वीरता और मातृभूमि के प्रति प्रेम ने देश के इतिहास व देशवासियों के हृदय में एक अपार श्रद्धा का स्थान बनाया है। आपको नमन करता हूँ।’ ध्यान देने वाली बात है लौंगेवाला पोस्ट के वीर सपूतों की याद में 5 दिसंबर को पराक्रम दिवस मनाया जाता है.

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