election: नागौर में ज्योति मिर्धा के खिलाफ खड़े हो गए भाई मनीष मिर्धा, हनुमान बेनीवाल का किया सपोर्ट

राजस्थान तक

27 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 27 2024 5:28 PM)

मनीष मिर्धा ने ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़ने पर कह दी ये बात, बोले- मैं कांग्रेस पार्टी में ऐसे वक्त पर आया हूं जब पार्टी का सबसे बुरा समय चल रहा है.

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नागौर लोकसभा सीट (Nagaur lok sabha seat) पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. हनुमान बेनीवाल (Hanuman beniwal) की धुर विरोधी ज्योति मिर्धा के खिलाफ कोई और नहीं बल्कि भाई मनीष मिर्धा (Manish Mirdha) ने ही मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी समर्थित INDIA गठबंधन (india alliance) के उम्मीदवार और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल को सपोर्ट कर दिया है. मनीष मिर्धा का कहना है कि वे तन-मन-धन से इस सीट पर INDIA गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के साथ हैं और उन्हें जीताएंगे. 

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जाट बाहुल्य नागौर लोकसभा सीट पर नाथूराम मिर्धा की राजनैतिक विरासत के साथ बीजेपी के बैनर तले मैदान में उतरीं ज्योति मिर्धा के लिए हनुमान बेनीवाल के साथ मुकाबला जबरदस्त होता नजर आ रहा है. नाथूराम मिर्धा (Nathur ram mirdha) की पोती ज्योति मिर्धा के खिलाफ पोते मनीष ने ही जंग छेड़ दी है. ऐसे में नाथूराम मिर्धा की राजनैतिक विरासत के साथ ज्योति मिर्धा के लिए लोकसभा चुनाव की भी राह आसान नजर नहीं आ रही है. 

मैं उस पार्टी में जिसे दादा ने खून से सींचा है- मनीष

जब मनीष मिर्धा से सवाल किया गया कि वे अपने बहन के ही खिलाफ मैदान में है तो उन्होंने कहा- महाभारत काल से ये सब है. ये तो धर्म युद्ध है. जो इस पार्टी से गए वे अपनी सहूलियत देखकर गए. मैं कांग्रेस पार्टी में ऐसे वक्त पर आया हूं जब पार्टी का सबसे बुरा समय चल रहा है. इस पार्टी को दादा नाथूराम मिर्धा ने अपने खून पसीने से सींचा है. पहले फर्ज बाद में भाई-बहन के रिश्ते. कहते हैं कि न कद बड़ा न पद बड़ा.. जो मुश्किल में खड़ा वो सबसे बड़ा.

गौरतलब है कि नगौर लोकसभा सीट से ज्योति मिर्धा के धुर विरोधी हनुमान बेनीवाल मैदान में हैं. दोनों के बीच जुबानी जंग जग जाहिर है. नागौर लोकसभा सीट जाट नेता नाथूराम मिर्धा और उनके परिवार के प्रभाव वाली सीट है. यहां कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा बीजेपी की उम्मीदवार हैं. वर्ष 2019 के चुनाव में ज्योति मिर्धा कांग्रेस पार्टी से इस सीट पर उम्मीदवार थीं. तब हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी का गठबंधन बीजेपी समर्थित एनडीए से था. हनुमान बेनीवाल ने ज्योति मिर्धा को हरा दिया था. किसान आंदोलन के समय हनुमान बेनीवाल ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकर के खिलाफ एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी थी. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से ऐन पहले ज्योति मिर्धा ने बीजेपी ज्वॉइन कर लिया और नागौर विधानसभा सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी के रूप में उतरीं. यहां कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा थे. इन्होंने ज्योति मिर्धा को  14 हजार 620 वोटों से हरा दिया था. 

यहां पढ़ें:  कौन हैं नाथू राम मिर्धा, क्या है मिर्धा परिवार की सियासत में आने की कहानी? 

 
कौन हैं मनीष मिर्धा

मनीष मिर्धा कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता नाथूराम मिर्धा के पोते और भानुप्रकाश मिर्धा के बेटे हैं. नाथूराम मिर्धा के दो बेटे राम प्रकाश मिर्धा और भानु प्रकाश मिर्धा हैं. ज्योति मिर्धा राम प्रकाश मिर्धा की बेटी हैं. मनीषा मिर्धा पहले नागौर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे. हालांकि INDIA गठबंधन ने ये सीट आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल को दे दी. इसके बाद वे हनुमान बेनीवाल के समर्थन में खड़े हैं. 

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