Rajasthan: राजस्थान में एक तरफ मिशन -25 को लेकर बीजेपी तैयारियों में जुटी हैं. दूसरी तरह प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा बीजेपी से बागी बड़े जनाधार वाले नेताओं को मनाने में जुटे हैं. इसी बीच PHED के एक आदेश ने पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है.
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पीएचईडी के इस आदेश में पश्चिमी राजस्थान की 9 विधानसभाओं के लिए हैडपंप की स्वीकृति जारी की गई है. इसमें प्रत्येक विधानसभा का एक ही बार नाम है. लेकिन, शिव विधानसभा का दो बार नाम है. इसमें शिव विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी और पूर्व जिलाध्यक्ष रहे (हार चुके प्रत्याशी) स्वरूपसिंह खारा की डिजायर पर 20 हैडपंप स्वीकृत किए गए हैं. वहीं बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव जीते रविंद्रसिंह भाटी की डिजायर पर महज 2 हैडपंप ही स्वीकृत हुए हैं.
पीएचईडी का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल
अब यह आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. आदेश को लेकर रविंद्रसिंह भाटी के समर्थक सोशल मीडिया पर जबरदस्त नाराज नजर आ रहे हैं. दूसरी तरफ पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह खारा ने पीएचईडी का आदेश अपने सोशल मीडिया हैंडलर से सार्वजनिक कर दिया है. इसको लेकर खारा भी जमकर ट्रोल हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि पीएचईडी के इसी आदेश ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के किए कराए पर पानी फेर दिया है.
आपको बता दें कि बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा में बीजेपी से टिकट ना मिलने से नाराज 26 साल के रविंद्रसिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी को चौथे नंबर पर धकेलकर चुनाव जीत लिया. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी बीजेपी ने निर्दलीयों समेत रविंद्रसिंह भाटी को कोई भाव नहीं दिया. तो भाटी ने लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू करते हुए देवदर्शन यात्रा शुरू कर दिया. युवा विधायक भाटी की यात्रा में उमड़ रही हजारों की भीड़ ने बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर दिया. बीजेपी के बड़े नेताओं को भी लगने लगा कि अगर रविंद्रसिंह भाटी लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के मिशन -25 को पूरा नहीं किया जा सकता.
मुख्यमंत्री ने भाटी को दो बार मनाया
लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पहले रविंद्रसिंह भाटी को जयपुर में मनाया की पुरजोर कोशिश की. उसके बाद भाटी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि 'मैं जनता से पूछकर ही कोई फैसला लूंगा.' इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह को चार्टर प्लेन में लेकर उदयपुर चले गए थे. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री और भाटी की इसी मुलाकात में भाटी मान गए थे और एक दिन पहले ही बीजेपी के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के जन्मदिन कार्यक्रम में भी शरीक हुए थे. लेकिन, अब पीएचईडी का आदेश वायल होने के बाद भाटी फिर से देवदर्शन यात्रा का मन बना चुके हैं.
जनता से पूछकर लूंगा चुनाव लड़ने का फैसला
रविंद्र सिंह भाटी ने राजस्थान तक से फोन पर बातचीत करते हुए बताया है कि 'मैं अपनी यात्रा के रूप में बाड़मेर -जैसलमेर की जनता के बीच जा रहा हूं. बाड़मेर-जैसलमेर की जनता जो फैसला लेगी. वही मुझे मंजूर होगा.'
भाटी लड़े तो कैलाश चौधरी की राह मुश्किल
वर्तमान में बीजेपी ने मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को दोबारा बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने आरएलपी के नेता को कांग्रेस में शामिल करवाया है. जो बाड़मेर -जैसलमेर में कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं. अब रविंद्रसिंह भाटी लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में है. ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यदि रविंद्रसिंह भाटी लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के कैलाश चौधरी के लिए राह इतनी आसान नहीं होगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि अब रविंद्रसिंह भाटी बाड़मेर-जैसलमेर से निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं या बीजेपी उन्हें अगले कुछ दिन में मना लेती है.
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