गहलोत का बयान, बोले- विधानसभा चुनाव से पहले हमने गारंटी देने की बात कही, अब मोदी ने शब्द चुरा लिया

Himanshu Sharma

15 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 15 2024 6:27 PM)

प्रियंका गांधी के रोड़ शो में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि.बीजेपी के मेनिफेस्टो में जनता की समस्या और मुद्दे गायब हैं.

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प्रियंका गांधी के रोड़ शो में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलवर (Alwar) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि.बीजेपी के मेनिफेस्टो में जनता की समस्या और मुद्दे गायब हैं. यह केवल झूठ का पुलिंदा है. आनन-फानन में मेनिफेस्टो बनाया है. कांग्रेस पहले मेनिफेस्टो ला चुकी थी. इसलिए मजबूरी में इन लोगों ने मेनिफेस्टो घोषित किया. आज यूएन को बोलना पड़ रहा है, अमेरिका और जर्मनी आलोचना कर रहे हैं. गहलोत  (Ashok Gehlot) ने मोदी की गारंटी पर तंज कसते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी नहीं, बल्कि उन्होंन यह शब्द कांग्रेस से चुराया है. 

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विधानसभा चुनाव से पूर्व राजस्थान में लोगों को कांग्रेस ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा समेत अनेक गारंटी देने की बात कही थी, अब लोकसभा चुनाव में अब प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस का गारंटी शब्द चुरा लिया है. 

 

 

गहलोत ने कहा कि कहा बीजेपी का चुनाव घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा है. मेनिफेस्टो के बाद बीजेपी के लोग एक्सपोज हो गए हैं. इसमें कोई दशा है और न ही कोई दिशा. मुख्य मुद्दे महंगाई व बेरोजगारी पर इसमें कुछ नहीं है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन मुद्दो पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. सत्ता में जो पार्टी बैठी है, उसके मेनिफेस्टो में इन मुद्दो का कोई जिक्र ही नहीं है. उन्होंने कहा कि आज ईडी, सीबीआई, इलेक्टोरल बांड मुद्दे बन गए हैं. दो मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं, कांग्रेस के खाते बंद कर दिए हैं. फिर चुनाव कैसे लड़ेगी, यूएनओ, अमरीका और जर्मनी को बोलना पड़ रहा है. 

सैनी समाज से की वोट देने की अपील

अलवर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सैनी समाज के लोगों से मुलाकात करते हुए कांग्रेस को वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि पहले भी सैनी समाज ने रामगढ़ हो या अलवर ग्रामीण सभी जगह पर कांग्रेस प्रत्याशी को जीताया हैं तो इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी को जिताना है. उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव अन्य चुनाव से अलग है. क्योंकि पता नहीं कि आगे के हालात क्या होंगे? देश में चुनाव होंगे भी या नहीं. ऐसे में लोकतंत्र को बचाने की आवश्यकता है.

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