Rajasthan: राजस्थान में सचिन पायलट ने 15 दिन का समय अपनी मांगों को लेकर अपने ही कांग्रेस सरकार को दिया था. जो कल पूरा हो गया लेकिन उससे पहले दिल्ली आलाकमान ने दोनों को साथ बैठाकर ऐलान कर दिया के कांग्रेस मिलकर के चुनाव लड़ेगी. इस पूरे मसले पर भाजपा का बयान भी सामने आया है. जहां उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सचिन पायलट वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे हैं, जिस पर उन्होंने कहा कि कोई समस्या खड़ी नहीं होगी. क्योंकि सचिन पायलट का यह बयान सिर्फ सियासी बयान तक सीमित है. मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में एक बड़े विभाजन की तरफ जा रही है, जिसका खुलासा जून महीने में हो जाएगा.
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पूनिया ने कहा कि जहां तक सचिन पायलट द्वारा उठाए गए सवालों की बात है तो वह पेपर लीक मामला भी उठा रहे हैं और बेरोजगारी का मुद्दा भी उठा रहे हैं. इसलिए मुझे लगता नहीं कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी तक इस पर किसी की भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
राहत की जगह आफत पेश: पूनिया
राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए जा रहे महंगाई राहत कैंप के बारे में पूनिया ने कहा कि अपने कार्यकाल में तो कांग्रेस सरकार ने यही किया है कि राहत की जगह आफत पेश की है. महंगाई राहत कैंप की जगह यह कांग्रेसी राहत कैंप होता जिससे कांग्रेस की अंदरूनी समस्याओं का समाधान करते तो ज्यादा अच्छा होता.
कांग्रेस एक बड़े विभाजन की तरफ जा रही है
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सचिन पायलट के अल्टीमेटम को 15 दिन पूर्ण हो चुके हैं और विगत दिन भी टोंक में उन्होंने बयान दिया था कि युवाओं और जनता के बीच में जो वादा मैंने किया है. मैं उसके साथ हूं. हालांकि दिल्ली कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह कराने का संदेश दे दिया है. मगर धरातल पर ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है. इसलिए भाजपा का यह बयान कि राजस्थान कांग्रेस एक बड़े विभाजन की तरफ जा रही है जिसका खुलासा जून महीने में हो जाएगा, बड़ा महत्वपूर्ण है.
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