बाड़मेर-जैसलमेर सीट (barmer jaisalmer seat) पर शुक्रवार को जारी वोटिंग के बीच बाड़मेर पुलिस ने रविंद्र सिंह भाटी के भाई को पाबंद कर दिया था. पुलिस ने ट्वीट में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) का जिक्र करते हुए उनके भाई को तुरंत जिले से बाहर चले जाने को कहा था. पुलिस ने यह भी कहा था कि भाटी का भाई जैसलमेर का वोटर नहीं होने के बावजूद घूम-घूमकर वहां वोटर्स को प्रभावित कर रहा है. इसके बाद रविंद्र सिंह भाटी बायतू विधायक हरीश चौधरी पर भड़क गए और उन्होंने चुनाव आयोग से भी कई सवाल कर डाले.
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रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव आयोग से पूछा कि बायतु विधायक (हरीश चौधरी) थुंबली में गया. थुंबली गांव शिव विधानसभा में है और वहां बहुत बड़ा बवंडर खड़ा करने का प्रयास किया गया. मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहूंगा कि वे किस हैसियत के नाते वहां गए. न तो प्रत्याशी हैं और न ही कोई एजेंट, फिर भी थुंबली गए.
'राजनीति में नहीं होने के बावजूद मेरे भाई पर लगाई रोक'
बाड़मेर-जैसलमेर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा कि मेरे भाई पर जैसलमेर से बाहर जाने पर रोक लगाई गई जबकि वो तो राजनीति में है भी नहीं, ये क्यों? बायतु विधायक का सीधा से मकसद है वहां प्रशासन का ध्यान डायवर्ट कर फर्जी वोटिंग करवाना. चुनाव आयोग से सवाल है- इस बात का जवाब जरूर देना कि बिना चीफ एजेंट या बिना उम्मीदवार की हैसियत से वह अलग-अलग विधानसभा में क्यों गए?
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