PM मोदी के विजिट से पहले ही देवनारायण जयंती पर गहलोत सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानें
Rajasthan News: प्रधानमंत्री के भीलवाड़ा में विजिट से पहले ही प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. देवनारायण जयंती पर 28 जनवरी को गहलोत सरकार ने राजकीय अवकाश की घोषणा की है. दरअसल प्रदेश में चुनावी साल में कांग्रेस और बीजेपी अपने स्तर पर तैयारियों में लगी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को […]
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Rajasthan News: प्रधानमंत्री के भीलवाड़ा में विजिट से पहले ही प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. देवनारायण जयंती पर 28 जनवरी को गहलोत सरकार ने राजकीय अवकाश की घोषणा की है. दरअसल प्रदेश में चुनावी साल में कांग्रेस और बीजेपी अपने स्तर पर तैयारियों में लगी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसिंद में देवनारायण जयंती के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. इसके लिए तैयारियां हो चुकी हैं.
पीएम की मुलाकात के स्थान और समय का राजनीतिक और धार्मिक दोनों महत्व है. भगवान देवनारायण को देवता के रूप में पूजने वाला गुर्जर समाज असिंद को पवित्र मानता है.
संभावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान महाकाल और वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर मालासेरी में भगवान देवनारायण कॉरिडोर बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं.
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इसके पीछे वजह ये है कि राजस्थान में यह विधानसभा का चुनावी साल है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार सचिन पायलट के कारण राजस्थान का गुर्जर वोटर कांग्रेस के साथ चला गया था. अब इन्हीं नाराज गुर्जर वोटरों को भाजपा के पक्ष करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की यह धार्मिक के साथ-साथ राजनीतिक यात्रा भी होगी.
इधर ये चुनावी साल राजनैतिक दृष्टि से सीएम गहलोत के लिए भी बहुत खास है. वो गुर्जर वोटों को छिटकने नहीं देना चाहते. पीएएम की विजिट से पहले ही गहलोत सरकार ने 28 जनवरी पर अवकाश की घोषणा कर दी है.
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25 जिलों के 200 गुर्जर नेताओं ने की थी बैठकें, बांटे थे पीले चावल
पीएम मोदी की प्रस्तावित मालासेरी यात्रा के मद्देनजर अजमेर जिले के पुष्कर के गुर्जर भवन में राजस्थान भर के नेताओं की एक बैठक संपन्न हुई थी. जिसमें 25 जिलों के 200 गुर्जर नेताओं ने भाग लेकर मालासेरी पहुंचने के लिए भगवान देवनारायण के चढ़ाए गए पीले चावल प्रदेश भर के गुर्जरों तक पहुंचाने का निर्णय लिया था. इस बैठक में सम्मिलित गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों को मालासेरी की पवित्र डूंगरी की मिट्टी और मंदिर में चढ़े पीले चावलों का बेग दिया गया.
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