राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द, सचिन पायलट ने लोकतंत्र के लिए इसे शर्मनाक दिन बताया
Rahul Gandhi’s parliament membership cancelled: राहुल गांधी की सदस्यता के खिलाफ लोकसभा की कार्रवाई के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इसे लोकतंत्र का शर्मनाक दिन बताया है. दरअसल साल 2019 के मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है. इसके […]
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Rahul Gandhi’s parliament membership cancelled: राहुल गांधी की सदस्यता के खिलाफ लोकसभा की कार्रवाई के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इसे लोकतंत्र का शर्मनाक दिन बताया है. दरअसल साल 2019 के मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है.
इसके बाद शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी है. नियम की मानें तो राहुल सजा पूरी करने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
इधर मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा- भारतीय लोकतंत्र के लिए आज शर्मनाक दिन है।
@RahulGandhi जी की सदस्यता समाप्त करके भाजपा ये न समझे कि जनता की आवाज़ उठाने से उनको रोक देगी। हम जनता के लिए, सच के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे।
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भारतीय लोकतंत्र के लिए आज शर्मनाक दिन है।@RahulGandhi जी की सदस्यता समाप्त करके भाजपा ये न समझे कि जनता की आवाज़ उठाने से उनको रोक देगी।
हम जनता के लिए, सच के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) March 24, 2023
मुख्यमंत्री गहलोत ने भी किया ये ट्वीट
सदस्यता खत्म होने के बाद सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा- ‘श्री राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। श्री राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।’
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ये है वो मामला
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा. अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. चूंकि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर टिप्पणी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.
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सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं.
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