Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में बेटियों की खरीद-फरोख्त का सिलसिला अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर इन दलालों के हाथों बिकी एक बेटी ने खरीद-फरोख्त के मामले का खुलासा करते हुए कहा है कि जब वह 10 साल की थी तब उसे बेच दिया गया और उसे राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में देह व्यापार के लिए भेजा गया. उसने इन दलालों को अपना शरीर बेचकर करोड़ों रुपए कमा कर दिए हैं पर अब वह टूट चुकी है.
भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ उपखंड की इस युवती ने स्वयं एक वीडियो बनाकर इस पूरे मामले का खुलासा किया है. वीडियो सामने आने के बाद भीलवाड़ा के एसपी ने पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं. हम आपको बताते हैं कि इस वीडियो में देह व्यापार के दलदल में फंसी इस युवती ने अपनी पीड़ा को किस तरह बयां किया.
युवती ने बताया कि मैं 10 साल की थी तब मुझे माधोपुर में बिकवा दिया था. 11 वें साल में जोर जबरदस्ती से मुझे धंधे पर लगा दिया. एक दो साल वहां रखने के बाद मुझे बेच दिया था. टोंक जिले की देवली तहसील के पोलाड़ा में किशन के यहां मेरे से 8- 9 साल तक धंधा करवाया गया. भुसावल, मुंबई, जयपुर, सावर जहां जहां उन्होंने भेजा मैं वहां गई और करोड़ों रुपए मैंने इन्हें कमा कर दिए. इन्होंने मेरे साथ बहुत अत्याचार किया यह बहुत सारी लड़कियों को बिकवाते हैं.
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युवती बोलीं- मुझे 20 लाख रुपये में खरीदा गया था
अपने साथ हुए अत्याचार को लेकर पीड़ा जाहिर करते हुए युवती ने बताया कि किशन ने मुझे 20 लाख रुपए में खरीदा था. उसने मुझसे 8- 9 साल तक अलग-अलग जगह धंधा करवाया. मैंने उसे करोड़ों रुपए कमा कर दिए. अब मैं इन अत्याचारों से थक चुकी हूं. उनके डर से मैं छुप कर बैठी हूं. मुझे इंसाफ दिलाओ. ये लोग मेरे मम्मी पापा के पास जाते हैं और 30-40 लाख रुपए मांगते हैं. इसके लिए वो उन्हें टॉर्चर कर रहे हैं.
भीलवाड़ा एसपी ने दिया सख्त कार्रवाई का भरोसा
भीलवाड़ा के एसपी आदर्श सिद्धू ने कहा कि हमारे संज्ञान में यह वीडियो आया है. यह मांडलगढ़ का घटनाक्रम है. वीडियो सामने आते ही लड़की की पहचान कर ट्रेस किया गया और मुकदमा दर्ज हो गया है. डिप्टी एसपी मांडलगढ़ इसकी इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर हैं. लड़की के बयान हो गए हैं उसका मेडिकल भी हो गया है. जो भी इस मामले में आरोपी है उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि भीलवाड़ा जिले में स्टांप पेपर पर बेटियां बेचने की घटनाएं सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भीलवाड़ा जिले का गहनता से दौरा कर यह बताया था कि 27 बच्चों का पता नहीं चला है जिनको गांव से बाहर भेज दिया गया है. हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल है कि आजादी के बाद भी स्टांप पेपर पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त और उनसे देर व्यापार जैसे घृणित कृत्य से मुक्ति कब मिलेगी.
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