कोटाः कैसे रूकेगी कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या? प्रशासन कर रहा मंथन

Sanjay Verma

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Kota News: कोचिंग नगरी कहे जाने वाले राजस्थान के कोटा में एक ही दिन में 3 कोचिंग स्टूडेंट्स के आत्महत्या के मामले ने शहर को हिलाकर रख दिया. अब कोचिंग संस्थान, शहरवासी, पुलिस से लेकर प्रशासन हर कोई चिंतित है. अब इसे लेकर मंथन शुरु हो चुका है. आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ इमरजेंसी मीटिंग की. जिसमें कोचिंग संस्थाओं व हॉस्टल को गाइडलाइन की कड़ाई से पालना के निर्देश दिए.

पिछले एक महीने के दौरान 6 सुसाइड के मामले सामने आए हैं. जबकि सालभर के दौरान यह आंकड़ा कुल 20 तक रहा. इससे अलावा साल दर साल मामलों में तेजी देखी जा रही हैं. साल 2011 में 6, 2012 में 11, 2013 में 26, 2014 में 14, 2015 में 23, 2016 में 17, 2017 में 7, 2018 में 20, 2019 में 8, 2020 में 4 और 2021 में 4 मामले दर्ज किए गए. बीते 11 साल में यह संख्या कुल 160 पहुंची है.

जिला कलेक्टर .ओपी बुनकर ने बताया कि डीओआईटी शिकायत पोर्टल बनाया जाएगा. इस पर स्टूडेंट की ओर से दर्ज शिकायत का समाधान 48 घंटे में करना होगा. साथ ही हर कोचिंग संस्थान में बायोमेट्रिक हाजिरी होगी. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि कोचिंग में एक बैच में 100 से अधिक बच्चे अनुपस्थित रहने पर स्टूडेंट्स की सूचना थाने पर देनी होगी. सभी संस्थानों में हफ्तें में एक दिन छुट्टी और अगले दिन परीक्षा नहीं कराने की पालना पर भी जोर दिया.

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कलेक्टर ने कहा कि किसी विद्यार्थी में तनाव की स्थिति या उसके अनुपस्थित रहने पर नजदीक थाने में सूचना दी जाए. ऐसा नहीं करने पर जिम्मेदारी संस्थान की ही होगी. कोचिंग एरिया में वैलनेस सेंटर बनाए जाएंगे. जिसमें खेलकूद मनोरंजन की व्यवस्था रहेगी. वहां सिविल ड्रेस में पुलिस के जवान तैनात होंगे. दूसरी ओर कोटा में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रियल साइकेट्रिक ऑफ इंडिया का वार्षिक अधिवेशन हुआ. देशभर से आए 300 मनोचिकित्सकों ने भी कोचिंग स्टूडेंट्स की समस्याओं पर विशेष सत्र रखा.

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