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भीलवाड़ा में पैंथर पकड़ने के गई वन विभाग (Forest Department) की टीम की ऐसी लाचारी सामने आई कि लोगों की जान पर ही बन गई. टीम को पैंथर पकड़ने के लिए भेजा गया था, लेकिन वन विभाग के पास कोई साधन नहीं था. उस वक्त वो इतन लाचार दिखे कि ना तो अपनी सुरक्षा का कोई साधन था और ना ही पैंथर (Panther) को ट्रैंकुलाइज़ करने वाली गन थी. महज डंडा और चारपाई के सहारे वो पैंथर पकड़ने लगे. जिस वक्त ये सबकुछ हो रहा था, वहां मौजूद कुछ लोग अपने मोबाइल फोन से इसकी तस्वीरें भी ले रहे थे.
जाहिर तौर पर सिर्फ डंडे के दम पर वन विभाग की टीम पैंथर को काबू में नहीं कर पाई. उल्टे उसने वन विभाग के एक कर्मचारी पर हमला जरूर कर दिया. इस हमले में एक वनपाल लहूलुहान हो गया और पैंथर मौके से भाग निकलाय. पूरी कोशिशें धरी की धरी रह गईं.
दरअसल, वन विभाग को खबर मिली थी कि पैंथर के कल्याण मीणा के बाड़े में मक्का की कड़प के बीचों-बीच छुपा हुआ था, पुख्ता जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम बिना किसी इंतजाम के ही मौके पर पहुंच गई और इतना बड़ा हादसा हो गया. पैंथर के हमले में किसी कर्मचारी या फिर ग्रामीण की जान भी जा सकती थी, लेकिन वन विभाग ने ऐसी लापरवाही कर सबसे दहशत में डाल दिया. पैंथर मौके से भाग चुका है, लेकिन अब भी आशंका है कि वो किसी को अपना शिकार ना बना डाले, क्योंकि पैंथर ने अब इंसानी खून का स्वाद चख लिया है. लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं और वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है.
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