Tonk: टोंक जिले में एक निजी फाइनेंस कंपनी के लिये रिकवरी एजेंट का काम करने वाले युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई. शव संदेहास्पद परिस्थितियों में सोप थाना क्षेत्र के कुम्हारिया के घने जंगल में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला है. मृतक एजेंट रोहित गांव का रहने वाला था और 6 मार्च की दोपहर अपनी पत्नी व बच्चों को अपने ससुराल छोड़ने के बाद से लापता था.
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परिजनों नें मंगलवार की शाम उनियारा पुलिस थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पास रिकवरी की लगभग 1.50 लाख रुपए की राशि मौजूद थी. आज हरिभजन गुर्जर का शव जिस तरह की परिस्थितियों में घने जंगल में फांसी के फंदे पर लटका मिला है. परिजनों का मानना है कि उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया है.
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए सोप व उनियारा थाना पुलिस के अलावा डीएसपी शकील अहमद भी मौके पर पहुंचे. साथ ही देवली से एमओबी व सवाई माधोपुर से एफएसएल की टीम को मौके पर बुला साक्ष्य जुटाये गए. पुलिस को घटनास्थल से कुछ दूरी पर मृतक की बाइक, बैग, आई डी कार्ड व मोबाइल भी मिला है. ख़ास बात यह कि मृतक का मोबाइल दो दिन पहले दोपहर से ही फ्लाइट मोड पर लगा हुआ मिला है और बैग से डेड़ लाख रुपए की नकदी भी पूरी तरह से गायब मिली है.
हालांकि पुलिस द्वारा पड़ताल में मृतक रिकवरी एजेंट द्वारा दो दिन पर उधारी के दो लाख रुपए में से एक व्यक्ति को 50 हजार रुपए चुकाये जाने की जानकारी बात भी सामने आयी है. इधर हरिभजन गुर्जर का शव पोस्टमार्टम के लिये उनियारा सीएचसी की मोर्चरी में लाये जाने के बाद हंगामा खड़ा हो गया. मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने गुर्जर नेता डॉ विक्रम सिंह गुर्जर के नेतृत्व में 50 लाख रुपए का मुआवजा, मृतक की पत्नी को आंगनबाड़ी सहायिका से कार्यकर्ता बनाये जाने व हत्या के आरोपियों का पता लगाकर उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर पोस्टमार्टम कराये जाने से इंकार कर दिया.
इस दौरान पुलिस व गुर्जर समाज के लोगों में खासी नोक झोंक भी हुई. मामले को बढ़ता देख जिला मुख्यालय से एएसपी भवानी सिंह, डीएसपी टोंक सलेह मोहम्मद के अलावा टोंक एसडीएम गिरधर बेनीवाल भी उनियारा पहुंचे और आक्रोशित लोगों के साथ वार्ता की गई. दोपहर लगभग एक बजे विरोध उस समय खत्म हुआ जब मृतक की विधवा को नियमानुसार मुआवजे के अलावा उसे विभागीय प्रमोशन का आश्वासन दिया गया. पुलिस ने हत्या के खुलासे के लिये भी सात दिन का समय मांगा है. परिजनों व गुर्जर समाज के लोगों ने सात दिनों के भीतर हत्या का खुलासा नहीं होने पर फिर से आंदोलन की भी चेतावनी दी है.
हरिभजन के परिजनों ने बताया कि उसने एक माह पहले ही कोटक महेंद्रा के लिये रिकवरी एजेंट का काम शुरू किया था. पूछताछ में पता चला की उसने कुछ दिन पूर्व एक व्यक्ति से दो लाख रुपए का कर्ज लिया था, जिसमें से दो दिन पहले ही 50 हजार रुपए चुकाए थे. हरिभजन गुर्जर की संदिग्ध मौत को लेकर पुलिस सभी एंगलों से जांच कर रही है. घने जंगल के बीच शव पेड़ से लटका मिलने व दो दिन पहले से फोन के फ्लाइट मोड पर होने की गुत्थी को सुलझाने के बाद ही उसकी जांच आगे बढ़ पाएगी.
सीओ उनियारा शकील अहमद ने बताया कि हरिभजन 6 मार्च की दोपहर बाद से लापता था. अपने ससुराल में बच्चों व पत्नी को छोड़ने के बाद वह कुछ व्यक्तियों से मिला था. जहां उसने एक व्यक्ति को पचास हजार रुपए भी दिये थे. परिजनों ने बीते दिन शाम मामला दर्ज कराया था. जिला मुख्यालय से उच्चाधिकारी भी यहां आये थे. हम जांच कर रहे हैं.
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