बीतें 26 मार्च को उदयपुर जिले में एक के बाद एक कई तोप आग उगल रही थी और धड़ाधड़ बंदूकें चल रही थीं. उदयपुर के गांव मेनार में यह दृश्य किसी युद्ध से कम नहीं था. जहां देर रात तक तोपों और बंदूकों ने जमकर आग उगली. हर तरफ तलवारें चलती दिखीं. इस दृश्य के बीचे एक खास वजह है. जिसे देखने के लिए दुबई, सिंगापुर, लंदन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में रहने वाले इस गांव के युवा भी मौके पर पहुंचे. यह मौका था शौर्य पर्व जमरा बीज का, जो बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया. पूरा गांव सतरंगी रोशनियों से एक दुल्हन की तरह सजा धजा रहा. जमराबीज की रात मेनार का पूरा इलाका दिपावली की रंगत में रंगा रहा. दरअसल, इसका इतिहास 450 साल पुराना है. जहां होली के बाद तीसरे दिन बारूद से होली खेली जाती है.
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इस मौके पर 26 मार्च मंगलवार को दोपहर में शाही लाल जाजम बिछी. जिस पर अमल कसुमे की रस्म हुई. इसमें 52 गांवो से मेनारिया ब्राम्हण के पंच मौतबीर इसके साक्षी बने. वहीं, रणबांकुरे ढोल बजते रहे.
राजस्थान के इतिहास के लेखक कर्नल जेम्स टॉड ने भी मेनार गांव का उल्लेख अपनी पुस्तक द एनालिसिस ऑफ राजस्थान में मनिहार नाम के गांव से किया है. इस गांव का संबंध महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह से भी जुड़ा है.
रात 9 बजे बंदूकों, तोपो से हुआ युद्ध सा माहौल
रात 9 बजे बाद सभी पूर्व रजवाड़े के सैनिकों की पोशाकों से सजे-धजे ग्रामीण अलग-अलग रास्तों से ललकारते हुए बंदूक और तलवार लेकर बंदूक दागते हुए निकले. सेना के आक्रमण किए जाने के रूप मे चारभुजामंदिर के सामने गांव के मुख्य बाजार ओंकारेश्वर चौक के यहां पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने बंदूक और तोप से गोले दागे और पटाखों से आतिशबाजी से आग की निकली लपटें काफी ऊंचाई तक जा रही थी.
इसी दौरान मुख्य चौक पर पटाखों की गूंज, आग के गोले, गरजती बंदूकें, चमकती और खनकती तलवारों के बीच सिर पर कलश लिए महिलाएं वीर रस के गीत गाती चल रही थी. हवाई फायर, गुलाल बरसने के साथ ढोल बजते रहे और पुरुष आतिशबाजी करते हुए थम्ब चौक की ओर पहुंचे. यहां बोदरी माता की घाटी पर मेनारिया समाज का इतिहास का वाचन किया गया. जहां ग्रामीणों के एक हाथ मे तलवार और दूसरे हाथ मे खांडा (लकड़ी) लेकर ढोल की थाप पर तलवारों की जबरी गैर खेली गई.
पुलिस जाब्ता भी रहा मौजूद
इस आयोजन को लेकर पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा. डिप्टी एसपी (वृत्त वल्लभनगर) राजेंद्र सिंह जैन के नेतृत्व में खेरोदा थानाधिकारी रोमंग पाटीदार मय जाब्ता मौजूद रहे और सारी व्यवस्थाए देखी. हालांकि इस पूरे आयोजन में गांव के ग्रामीण सारी व्यवस्थाए स्वयं देखते हैं और किसी प्रकार की कोई घटना, दुर्घटना नहीं होती है. वहीं विधायक वल्लभनगर उदयलाल डांगी, प्रधान देवीलाल नंगारची, उपप्रधान रोशन मेहता, वल्लभनगर एसडीएम हुकम कुंवर, कार्यवाहक तहसीलदार वल्लभनगर रमेश पाटीदार और डूंगला तहसीलदार हिम्मत सिंह राव भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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