Amazing news: राजस्थान (rajasthan news) के जोधपुर में एक 28 साल की महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया है. सभी बच्चे सिजेरियन से जन्मे हैं. डॉक्टरों की टीम ने विशेष निगरानी में ये डिलीवरी कराई है. डॉक्टरों के मुताबिक सभी बच्चों का वजन डेढ़ से पौने किलो तक है. डॉक्टरों के मुताबिक तय समय से 10 दिन पहले इन बच्चों की डिलीवरी हुई है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं और दोनों के स्वास्थ्य की निगरानी टीम कर रही है.
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जोधपुर (Jodhpur news) के उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अफजल हकीम ने बताया कि जैसलमेर निवासी तुलछा कंवर पत्नी चंद्र सिंह के गर्भवती होने पर जैसलमेर के निजी जांच केंद्र पर अल्ट्रासाउंड कराया गया. वहां गर्भ में 4 बच्चों के पलने की जानकरी मिली. इसके बाद जांच केंद्र ने जोधपुर के उम्मेद अस्पताल जाने का सुझाव दिया. दंपति उम्मेद अस्पताल पहुंचा. यहां पर यूनिट 2 में डॉ. इंदिरा भाटी के निर्देशन में जांच हुई.
डॉक्टर ने दी विशेष सावधानी की सलाह
डा. हकीम ने बताया कि गायनी विभाग के डॉक्टर ने दंपति को समझाया कि चार बच्चे होने की वजह से गर्भवती महिला की अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है. इसके लिए उन्हें लगातार जांच और परामर्श के लिए आना होगा. इसपर दंपति ने उन्हें बार-बार आने के बजाय अस्पताल में ही भर्ती करने का निवेदन किया. जिसपर डॉक्टर ने एक फरवरी को तुलछा कंवर को यहां भर्ती कर लिया.
3 महीने पहले भर्ती कर होती रही मॉनिटरिंग
डिलीवरी से 3 महीने पहले महिला को भर्ती कर हर रोज डॉक्टर उसकी देखभाल कर रहे थे. सोमवार को महिला को प्रसव पीड़ा होने पर सिजेरियन करने का निर्णय लिया गया. गायनी, एनेस्थीसिया के अलावा पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर भी ऑपरेशन थिएटर में मौजूद रहे. सफलता पूर्वक ऑपरेशन से 4 बच्चों का जन्म हुआ. फिलहाल सभी बच्चे डेढ़ से पौने दो किलो के बीच के वजन के हैं.
ऑपरेशन से हुआ 2 बेटे और 2 बेटी का जन्म
डॉ. मनीष पारख़ ने बताया कि इन बच्चों का जन्म 34 सप्ताह में हुआ है. इनमें 2 लड़के और 2 लड़कियां हैं. सामान्य बच्चों का जन्म 37 सप्ताह में होता है जिनका वजन करीब ढाई किलो होता है. ऐसे इन बच्चों में ज्यादा कॉम्प्लिकेशन होने की आशंका रहती है. हमारे डॉक्टर्स की टीमें मॉनिटरिंग कर रही हैं.
पहले भी दो बार गर्भवती हो चुकी है महिला
तुलछा कांवर इससे पहले दो बार गर्भवती हो चुकी है. पहली बार अबॉर्शन हो चुका है. इसके अलावा एक नवजात की पेट में ही मृत्यु हो गई थी. ऐसे में तीसरी बार गर्भवती होने पर तीन महीने अस्पताल में ही रखा गया.
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