Padma Awards 2024: राजस्थान से 4 हस्तियों को पद्म पुरस्कार, जानें उनके नाम और पूरी डिटेल

राजस्थान तक

• 02:40 AM • 26 Jan 2024

Padma Awards 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर साल 2024 के पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की. इनमें पांच लोगों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण, और 110 को पद्म श्री पुरस्कार दिया जाएगा.

Padma Awards 2024: राजस्थान से 4 हस्तियों को पद्म पुरस्कार, जानें उनके नाम और पूरी डिटेल

Padma Awards 2024: राजस्थान से 4 हस्तियों को पद्म पुरस्कार, जानें उनके नाम और पूरी डिटेल

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Padma Awards 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर साल 2024 के पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की. इनमें पांच लोगों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण, और 110 को पद्म श्री पुरस्कार दिया जाएगा. पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में से 30 महिलाएं हैं. इसके अलावा 8 विदेशियों का नाम भी शामिल है. इसके अलावा लिस्ट में 9 मरणोपरांत पुरस्कार का ऐलान किया गया है. वहीं राजस्थान से चार लोगों को पद्म पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है. जिनमें जानकीलाल (Jankilal),अली-गनी मोहम्मद (Ali Mohammed and Gani Mohammed), लक्ष्मण भट्ट तैलंग (Laxman Bhatt Tailang)और माया टंडन (Maya Tandon) का नाम शामिल है.

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जानकीलाल बहरूपिया 

2024 में राजस्थान से पद्म पुरस्कार पाने वाले जानकीलाल भीलवाड़ा जिले के रहने वाले हैं. उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जानकीलाल एक बहरूपिया कलाकार हैं, जो एक विलुप्त होती कला शैली है, वह इस कला शैली को लगभग 6 दशक से भी अधिक समय से निभा रहे हैं. उन्होंने इस कला शैली को जीवित रखने के लिए काफी प्रयास किए हैं. उन्हें इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है. जानकीलाल का जन्म भीलवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता भी एक बहरूपिया कलाकार थे.

मांड कलाकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद

राजस्थान के प्रसिद्ध मांड कलाकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया. ये दोनों भाई बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने मांड गायकी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानजनक स्थान दिलाया है. अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद ने मांड गायकी की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने मांड गायकी की पारंपरिक शैली को संरक्षित करने के साथ-साथ इसे आधुनिक रूप भी दिया है. उन्होंने मांड गायकी को विभिन्न भाषाओं में भी प्रस्तुत किया है. अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं. उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा कलाश्री सम्मान, भारत सरकार द्वारा पद्म श्री सम्मान और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा लता मंगेशकर सम्मान से सम्मानित किया गया है.

लक्ष्मण भट्ट तैलंग

93 साल के सुविख्यात ध्रुवपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. जिनका पूरा जीवन गायन के राग में निकल गया. आज वह बच्चों को ध्रुवपद संगीत की शिक्षा देते हैं. बचपन में परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते उन्होंने सड़कों पर पिता द्वारा लिखी किताबों को बेचने का काम किया. इन्होंने संघर्ष के साथ-साथ 1950 से 1992 तक वनस्थली विद्यापीठ से पढ़ाई की. भारतीय शास्त्रीय संगीत की ध्रुपद शैली के गायकों में पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग आज एक सुप्रसिद्ध नाम है.

डॉ माया टंडन

डॉ माया टंडन को पद्म श्री से सम्मानित किया. 85 साल की डॉ माया टंडन जेके लोन अस्पताल की पूर्व अधीक्षक रही हैं. वह सड़क सुरक्षा के लिए काम करती हैं. वह फिलहाल सहायता संस्था की अध्यक्ष हैं, डॉ टंडन रिटायर होने के बाद 1995 से सड़क हादसों में घायल हुए लोगों की जान बचाने में जुटी हुई हैं.

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