Rajasthan: वाकई भारत की सबसे महंगी सब्जी है ये? शादी में न बने तो स्टेटस हो जाता है Down

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10 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 10 2024 5:47 PM)

कैर और सांगरी हरी हों तो इनके भाव उतने नहीं होते जितने इनके सूखने के बाद होते हैं.

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राजस्थान में तपती गर्मी के बीच खान-पान का तौर तरीका बदल जाता है. गावों में मौसम और मौसम की मार के मुताबिक लोग अपने खान-पान के जरिए मुकाबला करते हैं और हल्दी जीवन व्यतीत करते हैं. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर सियासी पारा गर्म है. गांव-ढ़ाड़ियों से लेकर खेतों तक उम्मीदवार चुनाव कैंपेनिंग कर रहे हैं. इस दौरान लोग राजस्थानी खान-पान का भी आनंद ले रहे हैं. इनमें सबसे खास है कैर-सांगरी की सब्जी. 

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चूरू के ढांढर गांव में पहुंची द लल्लन टॉप की टीम ने इस खास सब्जी का न केवल स्वाद चखा बल्कि इसकी खासियत को भी जानने की कोशिश की. दरअसल कैर और सांगरी पेड़ों पर लगनी वाली सब्जी है. कैर मटर के दानों जैसी होती है वहीं सांगरी पतली छोटी फली जैसी. हरी और सूखी दोनों प्रकार के सांगरी की सब्जी कैर को मिलाकर बनती है.

दोनों हरी हों तो इनके भाव उतने नहीं होते जितने इनके सूखने के बाद होते हैं. जैसे एक पेड़ से औसतन 20 किलो तक सांगरी निकलती है. जब ये सूख जाती है तो इसका वेट आधे से भी कम होता है. जिससे ये काफी महंगी हो जाती है. हरी सांगरी 150-200 रुपए किलो तक और सूखी सांगरी 1000-1200 रुपए किलो तक मिलती है. वहीं हरी कैर 150-300 तक और सूखी 800 रुपए किलो तक मिलती है. दोनों को मिलाकर सब्जी बनती है. एक किलो सब्जी की कीमत 2500 रुपए तक हो जाती है. 

कड़वी होती है कैर

कैर कड़वी होती है जिसे छांछ में 24-48 घंटे तक भिगोकर इसके कड़वापन को दूर किया जाता है. फिर इसे सांगरी के साथ पकाया जाता है. इसके पकाने में थोड़े बहुत प्याज का इस्तेमाल होता है. गरम मसाले जगह गावों में लोग सूखी कचरी का इस्तेमाल करते हैं. इससे स्वाद भी बढ़ जाता है और ये चीजें यहां के मौसम के हिसाब से शरीर को काफी फायदा भी पहुंचाती हैं. 

छांव में सुखाते हैं इन्हें

कैर-सांगरी और कचरी को तीखी धूप के दौरान छाए में सुखाया जाता है. सीधे धूप में सुखाने पर ये खराब हो जाती हैं. कैर और सांगरी को तोड़ने के लिए एक विशेष प्रकार का औजार होता है जो लंबे डंडे से बंधा होता है. इससे सांगरी की फलियों को काटा जाता है. कैर साल में दो बार पेड़ पर लगती हैं. इसमें पत्ते नहीं बल्कि फल ही फल होते हैं. वहीं सांगरी खेजड़ी के पेड़ पर लगती है. इसके पत्ते मवेशी और ऊंट बड़े चाव से खाते हैं और लकड़ियां भी जलाने के काम आती हैं. ये पेड़ रेगिस्तान में विषम परिस्थितियों में हरे-भरे रहते हैं और इनके फल यहां के लोगों को विषम परिस्थितियों से लड़ने की ताकत देते हैं. सांगरी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. 

शादियों में स्टेटस सिंबल है कैर-सांगरी

कैर सांगरी की सब्जी राजस्थान की शादियों का स्टेटस सिंबल है. ऐसा माना जाता है कि यदि किसी की शादी में कैर-सांगरी नहीं बनी है तो शादी का आयोजन दमदार नहीं है.

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