राजस्थान में 26 अप्रैल को दूसरे चरण (second phase voting) के मतदान में 13 सीटों पर वोटिंग हुई. मतदान के दौरान दिनभर बाड़मेर-जैसलमेर सीट (barmer jaisalmer seat) पर बवाल मचता रहा. निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (ravindra singh bhati) प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते रहे. उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रशासन उनके समर्थकों को वोट देने से रोक रहा है. इस बीच रविंद्र भाटी ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें 10-20 लोग दिखाई दे रहे थे. इनमें एक शख्स कहता दिख रहा है कि "हम सब प्रवासी राजस्थानी हैं जो अहमदाबाद, सूरत, बड़ोदारा, मुंबई समेत दूसरे राज्यों के शहरों से रविंद्र सिंह भाटी को वोट देने आए हैं. लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और उन पर दबाव बनाया जा रहा है." लेकिन इस पर बाड़मेर पुलिस ने ऐसा जवाब दिया कि लोग उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल करने लग गए.
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प्रवासी वोटर्स को गाड़ी से उतरवाने के आरोपों पर बाड़मेर पुलिस ने जवाब दिया, "एक बोलेरो वाहन में करीब 40-50 व्यक्ति बैठे हुए उतरवा से खलीफा की बावड़ी की तरफ जा रहे थे. पुलिस सुपरवाइजरी अधिकारी गडरारोड ने इनको समझा कर नीचे उतारा था कि आप अपनी जान जोखिम में डालकर क्यों चल रहे हो? यह लोग कौन थे और कहां जा रहे थे, इसकी कोई जानकारी नहीं है.
लोग बोले- ये बोलेरो थी या ट्रक
जैसे ही पुलिस ने अपने जवाब में बोलेरो में 40-50 लोगों के बैठे होने की बात कही तो सोशल मीडिया पर लोग उसे ट्रोल करने लगे. एक यूजर ने लिखा, "बाड़मेर पुलिस, ये Bolero थी या ट्रक ?" वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- "ट्रक पर बोलेरो लिखा हुआ था."
बुजुर्ग महिला को भी वोट देने से रोकने का लगा आरोप
सोशल मीडिया पर एक और वीडियो सामने आया था जिसमें एक बुजुर्ग महिला ने वोट देने से रोकने का आरोप लगाया था. महिला रविंद्र भाटी को वोट देने की बात कह रही थी. जब उसे रोका गया तो ग्रामीणों ने बीएलओ का विरोध किया. मामले में रविंद्र भाटी ने वीडियो पोस्ट कर लिखा- "जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 36, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राघवा में मेरे क्षेत्र के मतदाताओं के साथ हो रहा इस तरह का सौतेला व्यवहार निराशाजनक है. प्रशासन से मेरा अनुरोध है कृपया इस मामले में संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करें."
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