भरतपुर विधानसभा सीट: 50 साल बाद बीजेपी किसी जाट पर खेलेगी दांव! जानें यहां का सियासी गणित

राजस्थान तक

06 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 7 2023 5:04 PM)

Bharatpur Vidhansabha Seat Details: भरतपुर विधानसभा सीट सामान्य सीट है जो राजस्थान के भरतपुर जिले में पड़ती है. पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की सभी 7 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था जिसमें भरतपुर विधानसभा सीट भी शामिल है. इस जाट बहुल सीट से वर्तमान में आरएलडी के सुभाष गर्ग विधायक […]

भरतपुर विधानसभा सीट: जाट बहुल क्षेत्र में 50 साल बाद बीजेपी किसी जाट पर खेलेगी दांव! जानें सियासी गणित

भरतपुर विधानसभा सीट: जाट बहुल क्षेत्र में 50 साल बाद बीजेपी किसी जाट पर खेलेगी दांव! जानें सियासी गणित

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Bharatpur Vidhansabha Seat Details: भरतपुर विधानसभा सीट सामान्य सीट है जो राजस्थान के भरतपुर जिले में पड़ती है. पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की सभी 7 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था जिसमें भरतपुर विधानसभा सीट भी शामिल है. इस जाट बहुल सीट से वर्तमान में आरएलडी के सुभाष गर्ग विधायक हैं. उन्होंने कांग्रेस और आरएलडी के गठबंधन के बल पर 2018 के चुनाव में बीजेपी से 2 बार के विधायक विजय बंसल को 15 हजार वोटों के मार्जिन से हराया था. आज ‘राजस्थान तक’ अपनी अपनी खास पेशकश के तहत आपको बताने जा रहा है इस सीट का जातिगत समीकरण, पिछले 25 सालों के विधानसभा चुनाव में जीत-हार का इतिहास, यहां के विजेता-उपविजेता, जनता का मूड, वोट शेयर और भी बहुत कुछ.

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भरतपुर विधानसभा सीट की सबसे खास बात ये है कि जाट बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद पिछले 50 साल में कोई जाट व्यक्ति यहां चुनाव नहीं जीत पाया. इस सीट से साल 1972 में भरतपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा बृजेंद्र सिंह भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीते थे. उसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर किसी जाट नेता को टिकट नहीं दिया.

ब्राह्मण और वैश्य समाज का रहा है दबदबा
भरतपुर विधानसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 210817 है. इनमें से लगभग 75 हजार मतदाता जाट और 30 हजार मतदाता वैश्य समुदाय के हैं. वहीं 35 हजार मतदाता ब्राह्मण समुदाय के हैं. जाट बाहुल्य होने के बावजूद इस सीट पर 1985 से 2003 तक ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशी यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते रहे. उसके बाद 2003 से 2018 तक लगातार वैश्य समाज के लोग एमएलए बन रहे हैं.

पिछले 25 सालों में 2 बार बीजेपी और 2 बार कांग्रेस जीती
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार सुभाष गर्ग (52,869) ने बीजेपी के विजय बंसल (37,159) को 15 हजार वोटों के अंतर से शिकस्त दी. 2013 और 2008 के चुनाव की बात करें तो दोनों ही बार बीजेपी के टिकट पर विजय बंसल विजयी रहे. उन्होंने 2013 और 2008 में क्रमश: बसपा के दलवीर सिंह और आदित्य राज शर्मा को पटकनी दी. 2003 और 1998 में यहां से कांग्रेस के निर्भय लाल जीते जिन्होंने क्रमश: इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के मोतीलाल और बीजेपी के वेद प्रकाश कोली को हराया.

50 साल में पहली बार किसी जाट नेता को टिकट देगी बीजेपी
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जिले की सभी 7 सीटों पर चुनाव हार गई थी. यहां तक कि भरतपुर सीट पर दो बार के विधायक विजय बंसल भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे. अब पार्टी इससे सबक लेना चाहती है. बीजेपी भरतपुर सीट से अब किसी जाट नेता को ही उम्मीदवार बनाना चाहती है. मई 2023 में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता इंद्रजीत भदौरिया ने ऐलान भी किया था कि बीजेपी इस बार भरतपुर सीट से किसी जाट को ही टिकट देगी. अगर ऐसा हुआ तो 50 साल में पहली बार होगा जब बीजेपी किसी जाट नेता को यहां से अपना उम्मीदवार बनाएगी.

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