देशभर में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. कल 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी. जिसमें राजस्थान (Rajasthan News) की 12 सीटें भी शामिल हैं. इन सीटों पर प्रचार थमने के साथ ही दूसरे फेज की 13 सीटों के लिए बीजेपी (BJP), कांग्रेस समेत अन्य दलों की तैयारी अंतिम चरण में हैं. टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी हो या कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन, दोनों एक वर्ग को इस बार टिकट बंटवारे में जगह नहीं दी है. प्रदेश की 25 सीटों पर घोषित उम्मीदवारों में बीजेपी और कांग्रेस ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया है.
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लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. बीएसपी इस मामले में दोनों पार्टी से एक कदम आगे निकलते हुए अलवर लोकसभा सीट से फसल हुसैन को टिकट दिया है.
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस ने 2009 में चूरू से मकबूल मंडेलिया को अपने प्रत्याशी बनाया था. वहीं, साल 2014 में टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजीजुद्दीन और 2019 में चूरू से रफीक मंडेलिया को फिर से मैदान में उतारा था. हालांकि ये सभी नेता बड़े अंतर से चुनाव हार गए.
पार्टी के अंदरखाने चर्चा यह भी है कि मुस्लिम नेता खुद भी इस बार चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे थे. आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में अल्पसंख्यक आबादी 11.4 प्रतिशत से अधिक है. प्रदेश की 12 लोकसभा क्षेत्र में 17 प्रतिशत तक मुस्लिम आबादी है.
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