चुनावी साल में पेपर लीक के मुद्दे पर घिरे गहलोत को मिल गया हथियार, विपक्ष पर किया पलटवार, जानें

गौरव द्विवेदी

30 Jan 2023 (अपडेटेड: Jan 29 2023 3:54 PM)

Rajasthan Assembly Election 2023 : पेपर लीक मामले में राजस्थान में हो रही सियासत में एक मोड़ नजर आ रहा है या यूं कहें कि इस मुद्दे पर घिरी सरकार और उनके मुखिया सीएम अशोक गहलोत को संजीवनी मिल गई है. उन्हें यह संजीवनी मिली है पड़ोसी राज्य गुजरात से, जिसके चलते उन्हें विपक्ष पर […]

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Rajasthan Assembly Election 2023 : पेपर लीक मामले में राजस्थान में हो रही सियासत में एक मोड़ नजर आ रहा है या यूं कहें कि इस मुद्दे पर घिरी सरकार और उनके मुखिया सीएम अशोक गहलोत को संजीवनी मिल गई है. उन्हें यह संजीवनी मिली है पड़ोसी राज्य गुजरात से, जिसके चलते उन्हें विपक्ष पर पलटवार करने का भी मौका मिल गया. क्योंकि गुजरात पेपर लीक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत अपनी इस बात को दोहरा रहे हैं कि पेपर लीक राजस्थान ही नहीं, पूरे देश की समस्या है.

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गहलोत ने गुजरात पेपर लीक मामले में सिलसिलेवार ढंग से एक के बाद एक ट्वीट किए. उसे देखते हुए फिलहाल यही लगता है कि बीजेपी के लिए चुनावी साल में पेपर लीक मुद्दा भुना पाना आसान नहीं होगा.रविवार को ट्वीट किया कि गुजरात में पंचायत सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द की है. यह दिखाता है कि देशभर में पेपर लीक एक विकट समस्या बन गया है. गुजरात में यह पिछले सालों में 17वां पेपर लीक है.

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सीएम यही नहीे रूके, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सेना भर्ती, हाईकोर्ट भर्ती, DRDO भर्ती तक में पेपर लीक और अनियमितताओं की शिकायत आई हैं. जो दिखाता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है. गहलोत ने राजस्थान में पेपर लीक के मामले में सरकार की कार्रवाई का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने गंभीरता से सख्त कार्रवाई की और पेपर लीक में शामिल लोगों को जेल भेजा गया. नौकरी से बर्खास्त किया गया और माफियाओं की अवैध संपत्ति ध्वस्त की गई।

गौरतलब है कि गुजरात में पेपर लीक होने के चलते रविवार को आयोजित होने वाली जूनियर क्लर्क भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. मामला सामने आने के बाद गुजरात पंचायत सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की तरफ से यह फैसला लिया गया है. इस मामले में गुजरात एटीएस जांच कर रही है और कई आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. वहीं पिछले साल दिसंबर में राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा का जीके का प्रश्न पत्र लीक हो गया था. इस घटना के बाद गिरफ्तारियां भी हुई और आरोपियों के घर, कोचिंग संस्थान भी ढहा दिए गए.

सड़क से लेकर सदन ही नहीं बल्कि पार्टी में भी घिरे सीएम
इधर, पेपरलीक को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ पिछले पांच दिन बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का धरना जारी है. सांसद मीणा आर-पार के मूड में हैं, पहले हजारों की संख्या में दौसा से जयपुर कूच करने निकले. फिर विधानसभा घेरने के लिए जा रहे मीणा को प्रशासन ने रोक लिया. जबकि 23 जनवरी को राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हुआ तो बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही पेपर लीक का मुद्दा गूंज उठा. विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यपाल को अभिभाषण तक रोकना पड़ा था. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित विपक्ष ने गहलोत सरकार को जमकर घेरा.

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शिक्षामंत्री बीडी कल्ला ने जवाब में अन्य राज्यों में हो रहे पेपर लीक के मामलों का भी उन्होंने जिक्र किया. उनकी इन दलीलों पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय हुए पेपर लीक के मामलों का जिक्र कर आप इन आरोपों से नहीं बच सकते. वहीं विपक्ष के साथ खुद सरकार के विधायक-नेता भी गहलोत सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ रहे. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सभाओं में खुलेआम पेपर लीक को लेकर गहलोत सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. जबकि अब दिग्गज नेता हरीश चौधरी भी अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते दिखें.

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