राजस्थान में दो चरणों में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) संपन्न हो चुका है. पहले चरण के दौरान 19 अप्रैल को 12 सीटों पर कम मतदान के बाद दूसरे चरण में बंपर वोटिंग हुई. बीतें 26 अप्रैल को 13 सीटों पर मतदान हो गया है. वोटिंग पैटर्न के बाद से ही बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) समेत तमाम दल अलग-अलग आंकलन कर रहे हैं. बीजेपी सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा कर रही है. जबकि कांग्रेस इसे नकार रही है. हालांकि प्रदेश की कई सीटों पर कड़ा मुकाबला दिखा. आचार संहिता लगने से पहले भी कई सर्वे में कांग्रेस को 4 से 5 सीटें मिलती दिखाई गई.
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इधर, सबसे चर्चित सीट बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते यह सीट सबसे ज्यादा चर्चित रही. निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, बीजेपी के कैलाश चौधरी और कांग्रेस से उम्मेदाराम बेनीवाल की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है.
दल बदलकर मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प
शेखावाटी हो, मारवाड़ या वागड़, इस बार दल-बदलकर दूसरे पार्टियों में आए नेताओं ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. इनमें कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे चूरू के मौजूदा सांसद राहुल कस्वां, बाड़मेर में आरएलपी छोड़ कांग्रेस में आए उम्मेदाराम बेनीवाल और बांसवाड़ा में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बीजेपी प्रत्याशी महेन्द्रजीत सिंह मालवीया शामिल हैं.
चूरू में लड़ाई राजेंद्र राठौड़ भले ही चुनाव ना लड़े हो, लेकिन बीजेपी की ओर से उन्होंने राहुल कस्वां को चुनौती दी. वहीं, बाड़मेर और बांसवाड़ा के अलावा मामला नागौर में भी फंसा हुआ है. जहां आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे.
लोकपोल सर्वे में भी थी 6 से 8 सीटें मिलने की बात
इससे पहले राजस्थान में लोकपोल के सर्वे में एनडीए गठबंधन को 17-19 सीटें और I.N.D.I.A. गठबंधन को 6-8 सीटें मिलने की बात कही गई थी. हालांकि चुनाव से 5 दिन पहले आए एबीवी सी-वोटर के सर्वे में बीजेपी को राजस्थान में सभी 25 सीटें बताई गई थी. फलोदी के सटोरियों के मुताबिक भी बीजेपी 21 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. जबकि 4 सीटों पर बीजेपी को नुकसान होगा.
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