गहलोत की लोकसभा उम्मीदवारी पर लोकेश शर्मा का बड़ा बयान, पूर्व सीएम को लेकर कांग्रेस से भी पूछ लिया ये सवाल

विशाल शर्मा

12 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 12 2024 2:09 PM)

कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की एक और लिस्ट पर मुहर लग गई है. सूत्रों की मानें तो इसमें राजस्थान के उम्मीदवारों का भी नाम घोषित हो सकता है. जोधपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव लड़ाने की मांग होने लगी है.

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कांग्रेस में लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024) के उम्मीदवारों की एक और लिस्ट पर मुहर लग गई है. किसी भी वक्त यह लिस्ट जारी हो सकती है. सूत्रों की मानें तो इसमें राजस्थान (rajasthan) के उम्मीदवारों का भी नाम घोषित हो सकता है. इस लिस्ट में 9 उम्मीदवार फाइनल होने की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक जिसमें चूरू सांसद राहुल कस्वां, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, अलवर से ललित यादव, टोंक-सवाई माधोपुर से हरीश मीणा, जालौर-सिरोही से वैभव गहलोत, बीकानेर से गोविंद मेघवाल, झालावाड़-बारां से प्रमोद जैन भाया, भरतपुर से संजना जाटव और चित्तौड़गढ़ से उदयलाल आंजना के नामों पर लगभग सहमति बन गई है.

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लेकिन जोधपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव लड़ाने की मांग होने लगी है. यह मांग उनके करीबी रहे नेता ही करने लगे हैं. पूर्व सीएम के ओएसडी रहें लोकेश शर्मा ने यह मांग की. 

"गहलोत चुनाव जीतेंगे, उन्हें क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए प्रत्याशी"

जोधपुर सीट पर कांग्रेस से करण सिंह उचियारड़ा के चुनाव लड़ने की चर्चाओं को लेकर शर्मा ने कहा कि गहलोत को जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए और केंद्र की राजनीति करनी चाहिए. उन्होंने कहा "गहलोतजी वह व्यक्ति है जो जोधपुर से चुनाव हर हाल में जीतेंगे, जब जीत दिखाई दे रही है तो क्यों नहीं उन्हें प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए." इसको लेकर उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मांग की है कि गहलोत ही संसद में जोधपुर का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, तो इन्हें टिकट दिया जाना चाहिए.

जयपुर सीट से खुद जताई दावेदारी

वही, जयपुर शहर सीट पर दावेदारी जताते हुए लोकेश शर्मा ने कहां कि पार्टी यदि मौका देती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को पराजित कर देंगे. कई कांग्रेसियों के पार्टी को छोड़ने को लेकर भी उन्होंने राय रखी और कहा कि कौन वह सीनियर लीडर्स हैं, जो समय पर सुनवाई नहीं करके कम्युनिकेशन गैप को दूर नहीं करते हैं. जिसकी वजह से पार्टी का यह हाल हो गया. इसकी तह तक जाना बहुत जरूरी है. 

 

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