नागौर लोकसभा सीट पर कुल 21 लाख 46 हजार 725 मतदाता संसदीय क्षेत्र का फैसला करेंगे. साल 2019 के चुनाव में आरएलपी के हनुमान बेनीवाल को 6 लाख 60 हजार 51 वोट मिले थे और उनकी जीत हुई थी. जबकि कांग्रेस (Congress) की डॉ. ज्योति मिर्धा को 4 लाख 78 हजार 791 वोट और नोटा को जनता ने 13 हजार 49 वोट दिए थे. इस बार बेनीवाल इंडिया गठबंधन और बीजेपी (BJP) से डॉ. ज्योति मिर्धा समेत कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं.
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इस लोकसभा क्षेत्र में नागौर (Nagaur) और राजसमंद जिले का क्षेत्र आता है. नागौर की कुल 10 विधानसभा सीटों में एक राजसमंद की मेड़ता विधानसभा भी शामिल है.
नागौर लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा तादाद एससी और जाट वोटर्स की है. इसके बाद राजपूत, ब्राह्मण और मुस्लिम सहित अन्य जातियां भी निर्णायक भूमिका निभाती है.
नागौर लोकसभा सीट का इतिहास
नागौर लोकसभा सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक छह बार नाथूराम मिर्धा सांसद बने. साल 1977, 1980, 1984, 1981, 199 1 और 1996 में चुनाव लगातार जीते. नाथूराम मिर्धा ने साल 1990 में जनता दल तथा शेष चावन में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता. उनके निधन के बाद साल 1997 में हुए उपचुनाव में उनके पुत्र भानु प्रकाश मिर्धा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता.
उसके बाद साल 1998 और 1999 में कांग्रेस के राम रघुनाथ चौधरी, 2004 में बीजेपी के भंवर सिंह डांगावास और 2009 में कांग्रेस की ज्योति मिर्धा ने चुनाव जीता. साल 1984 में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा ने लोकसभा चुनाव जीता था. नागौर से पहले लोकसभा चुनाव निर्दलीय जीडी सोमानी ने जीता था. दूसरा चुनाव कांग्रेस के मथुरादास माथुर और तीसरा लोकसभा चुनाव कांग्रेस के एनके सोमानी ने जीता. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने रालोपा पार्टी से गठबंधन किया था, जिसमें हनुमान बेनीवाल चुनाव जीते थे.
ये प्रत्याशी हैं मैदान में
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