जानें कौन हैं राहुल कस्वां जिनकी बगावत ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन! राजेंद्र राठौड़ से अदावत की ये है पूरी कहानी

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Rahul Kaswan Churu: राजस्थान में बीजेपी ने 25 लोकसभा सीटों (Loksabha election 2024) में से 15 पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. लेकिन जिन नेताओं को टिकट मिला उससे ज्यादा चर्चा एक ऐसे नेता की है जिसका टिकट कट गया. उसका नाम है राहुल कस्वां. बीजेपी से टिकट कटने के बाद राहुल कस्वा ने बगावती तेवर दिखाते हुए चूरू (churu loksabha seat) में एक बड़ी रैली की जिसके बाद बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है. उनके घर के बाहर भी उनके समर्थकों की भारी भीड़ देखी जा रही है. राहुल कस्वां के टिकट कटने को राजेंद्र राठौड़ से उनकी अदावत को जोड़कर देखा जा रहा है. इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले कस्वां ने एक बड़ा कदम उठा लिया है.

टिकट कटने से नाराज राहुल कस्वां ने सोमवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता और सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने सोमवार को ही कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली. कांग्रेस की अगली लिस्ट में कस्वां को टिकट मिलने की भी पूरी संभावना जताई जा रही है. इसके बाद चूरू लोकसभा सीट पर उनका सीधा मुकाबला बीजेपी के देवेंद्र झाझड़िया से होगा. 

कौन हैं राहुल कस्वां

जिस तरह से झुंझुनूं में ओला, नागौर में मिर्धा और जोधपुर में मदेरणा परिवार का सिक्का चलता है. उसी तरह चूरू जिले की राजनीति में कस्वां परिवार दमखम रखता है. राहुल कस्वां वर्तमान में चूरू लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. उन्होंने साल 2014 और 2019 में लगातार दो बार बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता. साल 2014 में वह सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. राहुल कस्वा के पिता रामसिंह कस्वां भी चार बार सांसद और विधायक भी रह चुके हैं. यही नहीं, उनके दादा दीपचंद कस्वां भी लोकसभा सांसद रहे हैं. राहुल कस्वां की मां कमला कस्वां भी सादुलपुर से विधायक रह चुकी हैं. राहुल कस्वां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दामाद भी हैं.

इसलिए कट गया टिकट

राहुल कस्वां की शादी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के भाई कुलदीप धनखड़ की बेटी से हुई है. ऐसे में उपराष्ट्रपति के दामाद होने के बावजूद उनका टिकट कटना हैरानी भरा है. दरअसल, बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ चूरू की तारानगर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे. उस हार के पीछे राहुल कस्वां का ही हाथ बताया जा रहा है. ऐसे में सोशल मीडिया पर चर्चाएं है कि राजेंद्र राठौड़ के दखल की वजह से राहुल कस्वां का टिकट कटा है.

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राहुल कस्वां के घर के बाहर समर्थकों की भारी भीड़

राठौड़ के समर्थक बता रहे जयचंद

राजेंद्र राठौड़ 7 बार विधायक रह चुके हैं. वह कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी रहे. लेकिन इस बार के चुनाव में उन्होंने सीट बदलकर चूरू के तारानगर से चुनाव लड़ा और हार गए. राठौड़ की हार के बाद उनके समर्थक तो खुल्लमखुल्ला राहुल कस्वां को हार का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. यही नहीं, वे राहुल कस्वां को जयचंद भी कह रहे हैं. खुद राजेंद्र राठौड़ ने कहा था कि कुछ जयचंद है जिनके भीतरघात के कारण वे चुनाव हार गए.

 

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