रविंद्र सिंह भाटी ने बुलाई सर्वसमाज की बड़ी बैठक, लोकसभा चुनाव लड़ने का कर सकते हैं ऐलान!

ADVERTISEMENT

Rajasthantak
social share
google news

राजस्थान में बाड़मेर-जैसलमेर सीट का लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024) बड़ा दिलचस्प होता जा रहा है. बीजेपी ने जहां केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को लगातार दूसरी बार अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो कांग्रेस ने आरएलपी नेता उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस में शामिल करवाकर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इसी बीच बीजेपी से बागी और शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Shiv MLA Ravindra Singh Bhati) भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट से चुनाव लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं. ऐसे में अगर भाटी चुनाव लड़ते हैं तो राजनीतिक जानकार मानते हैं कि वह कांग्रेस और बीजेपी दोनों प्रमुख पार्टियों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं.
 

लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच रविंद्र सिंह भाटी ने 26 मार्च को बाड़मेर जिला मुख्यालय के आलोक आश्रम में सर्वसमाज की बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि भाटी इस बैठक में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर सकते हैं.

 

अमीन खान को कांग्रेस तो भाटी को मनाने में जुटी बीजेपी

कांग्रेस के पूर्व मंत्री अमीन खान के खिलाफ कांग्रेस के ही पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान ने बागी होकर शिव विधानसभा से चुनाव लड़ा था. 2 दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ डोटासरा ने फतेह खान को वापस पार्टी में शामिल करवा लिया है. जिसके बाद से ही बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल समेत कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अमीन खान को मनाने में जुटे हैं. आज हरीश चौधरी ने भी अमीन खान के गांव पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश की ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान ना हो.

सर्वसमाज की बैठक के बाद लगेगा चर्चाओं पर विराम

वहीं दूसरी तरफ रविंद्र सिंह भाटी के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर बीजेपी के बड़े नेता भाटी से लगातार संपर्क कर रहे हैं. लेकिन, भाटी का कहना था कि जनता से पूछकर ही वो कुछ फैसला लेंगे. लेकिन, पीएचईडी के दो हैडपंप स्वीकृति वाले लेटर ने भाटी को चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पहले भाटी चुनाव लड़ने की तैयारियां करके बीजेपी में शामिल होने का दबाव बना रहे थे. लेकिन, हैडपंप स्वीकृति के लेटर ने भाटी और उनके समर्थकों में रोष पैदा कर दिया है. हालांकि, इन सब के बावजूद भी अब तक बीजेपी के बड़े नेता भाटी को मनाने में जुटे हैं. अब 26 मार्च को होने वाली सर्वसमाज की बड़ी बैठक में ही इस बात का पता चलेगा कि भाटी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं?

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT