करौलीः मासलपुर के जंगल में एक नाले में मिला टाइगर का शव, वन विभाग पर उठ रहे सवाल
Karauli News: राजस्थान के करौली में मासलपुर के जंगल में बुधवार सुबह एक बाघ मृत अवस्था में मिला. टाइगर का शव मिलने से ठेकरा गौशाला इलाके के एक नाले में मिलने में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. सूचना पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची. साथ ही मासलपुर थाना पुलिस […]
ADVERTISEMENT
Karauli News: राजस्थान के करौली में मासलपुर के जंगल में बुधवार सुबह एक बाघ मृत अवस्था में मिला. टाइगर का शव मिलने से ठेकरा गौशाला इलाके के एक नाले में मिलने में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. सूचना पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची. साथ ही मासलपुर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची.
फिलहाल टाइगर की मौत के कारणों का भी पता नहीं चला है और ना ही टाइगर की शिनाख्त हो पाई है. पशुपालन विभाग की मेडिकल टीम ने करौली में उपवन संरक्षण कार्यालय के पास स्वर्ण जयंती उद्यान परिसर में टाइगर के शव का पोस्टमार्टम किया.
उपवन संरक्षक सुरेश मिश्रा ने बताया कि मासलपुर वन क्षेत्र में ठेकड़ा गौशाला के पास जंगल में एक टाइगर का शव मिलने की सूचना मिली थी. सूचना पर मौके पर पहुंचे और जानकारी ली है. टाइगर की मौत के कारणों की जांच के लिए सैम्पल लैब में भेजे गए है. जिसके आधार पर टाइगर की पहचान की जाएगी.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
विभाग के दावों की खुली पोल, सुरक्षा पर उठे सवाल
वन विभाग की ओर से बाघों की लगातार मॉनिटरिंग और ट्रेकिंग के दावों के बीच टाइगर के शव मिलने को लेकर सवाल खड़े हो रहे है. दरअसल, यह शव काफी दिन पुराना है, जिसके चलते वन विभाग की जंगल में गश्त को लेकर ही सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि इतने दिन तक टाइगर का शव जंगल में पड़ा रहा, लेकिन विभाग को भनक तक नहीं लगी. बुधवार सुबह उस इलाके से कुछ महिलाएं जंगल से होकर निकली तो उन्हें वन्यजीव मृत अवस्था में दिखाई पड़ा. इसके बाद सूचना पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके पर दौड़े और टाइगर होने की पुष्टि की.
ADVERTISEMENT
बाघों का बना रहता है मूवमेंट
कैलादेवी वन्य जीव अभयारण्य में आम तौर पर करीब आधा दर्जन बाघों का मूवमेंट बना रहता है. पिछले कुछ वर्षों में यहां रणथम्भौर से बाघ आते-जाते रहे हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्तमान में भी कैलादेवी वन्य जीव अभयारण्य में चार बाघों का मूवमेंट बताया जा रहा है. जिस स्थान पर टाइगर मृत अवस्था में मिला है, उसी इलाके में करीब साढ़े तीन वर्ष पहले वन विभाग की टीम ने रणथम्भौर के बाघ टी-104 को रेस्क्यू किया था. उस समय टी-104 बाघ को ठेकरा गोशाला के समीप एक नाले में ट्रेंकुलाइज किया गया था.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ेंः बजट सत्र के दौरान घिर गई कांग्रेस सरकार! सीएम गहलोत से सदन में मांग लिया इस्तीफा, जानें
ADVERTISEMENT