वीरांगना के आंदोलन में नया मोड़, देवर के लिए नौकरी नहीं, बल्कि शहीद की पत्नी की ये है मांग, जानें

Suresh Foujdar

• 05:57 AM • 14 Mar 2023

Rajasthan News: वीरांगनाओं के आंदोलन में नया मोड़ आ गया है. भरतपुर में शहीद की पत्नी ने कहा पुलिस ने कोई परेशान नहीं किया. देवर के लिए नौकरी की मांग कर रही सुंदरी देवी का कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है और वह है स्कूल का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर […]

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Rajasthan News: वीरांगनाओं के आंदोलन में नया मोड़ आ गया है. भरतपुर में शहीद की पत्नी ने कहा पुलिस ने कोई परेशान नहीं किया. देवर के लिए नौकरी की मांग कर रही सुंदरी देवी का कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है और वह है स्कूल का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर हो. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें परेशान नहीं किया है और ना ही हमें नजरबंद किया है, हम खुशी से रह रहे हैं.

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गौरतलब है कि जयपुर में पिछले 11 दिनों से पुलवामा हमले में शहीदों की तीन पत्नियां अपने देवरो को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही थी. कहा यह जा रहा था कि उसके बाद गुपचुप तरीके से पुलिस ने उनको देर रात को उठा लिया और उनके घर पहुंचा दिया और नजरबंद कर दिया, लेकिन अब वीरांगना के इस बयान के बाद पूरे घटनाक्रम एक अलग मोड़ पर है. 

राजस्थान के भरतपुर में सुंदरावली गांव के रहने वाले जीतराम गुर्जर पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे और उनकी पत्नी सुंदरी देवी 11 दिनों तक जयपुर में अपने देवर को नौकरी दिलाने के लिए भी वीरांगनाओं के साथ आंदोलन कर रही थी. दरअसल, सोमवार देर शाम गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव से मिला और ज्ञापन सौंपते हुए एक ही मांग रखी कि सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद जीत राम के नाम पर हो. पंच पटेलों ने कहा कि हमारी सिर्फ एक ही प्रमुख मांग रही है कि गांव के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद जीत राम के नाम पर हो. इस दौरान वीरांगना के देवर को सरकारी नौकरी की मांग नहीं की गई है.

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