Rajasthan news: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल की जमानत पर राजस्थान हाईकोर्ट ने केस डायरी मंगवाई है. नशीली दवाओं के मामले में दवा कंपनी के मालिक से दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने को लेकर 16 फरवरी को केस डायरी पेश करने के लिए जस्टिस नरेंद्र सिंह ने यह आदेश दिया है. राजस्थान हाईकोर्ट में दिव्या मित्तल की जमानत याचिका में उसके अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया कि मामले में एसीबी की कार्रवाई झूठ का पुलिंदा है. यहीं नहीं प्रकरण में एसीबी ने याचिकाकर्ता को रिश्वत लेते गिरफ्तार भी नहीं किया था और ना ही उससे रिश्वत राशि की रिकवरी हुई है.
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अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया कि दिव्या मित्तल के पास आय से अधिक की राशि भी बरामद नहीं हुई है. वहीं वॉयस रिकॉर्डिंग को लेकर एसीबी ने विधि अनुसार तय प्रक्रिया का पालना नहीं किया है. ऐसे में मामले में एसीबी के पास याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और ना ही एसीबी ने गिरफ्तारी से पहले सीआरपीसी की धारा 41 के तहत उसे नोटिस दिया. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि एसीबी की धारा 7 के तहत ट्रैप की जरूरत नहीं है. यदि सिर्फ रिश्वत की डिमांड की जाती है तो भी एसीबी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. यहीं नहीं प्रकरण में एसीबी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिससे यह साबित है कि आरोपी दिव्या मित्तल ने दवा कंपनी के मालिक से दो करोड रुपए की रिश्वत की मांग की है और प्रकरण में अनुसंधान लंबित है. ऐसे में यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वह अभियोजन पक्ष की साक्ष्य को प्रभावित कर सकती है. इसलिए उसकी जमानत याचिका को खारिज किया जाए.
यह है मामला
बता दें कि दवा फैक्ट्री के मालिक से दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी ने एसओजी, अजमेर में तैनात तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को गत 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. दिव्या पर आरोप है कि उसने हरिद्वार में संचालित दवा फैक्ट्री के संचालक को गलत रूप से नशीली दवा प्रकरण में लिप्त बताकर उसका नाम हटाने के एवज में दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी. ऐसे में दिव्या मित्तल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 16 फरवरी को प्रकरण की केस डायरी पेश करने को कहा है.
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