जोधपुर में NIA की छापेमारी, हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू के ठिकानों पर चल रही रेड

Ashok Sharma

• 06:22 AM • 21 Feb 2023

Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर में एनआईए द्वारा मंगलवार सुबह जोधपुर शहर व जिले में हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू के ठिकानों पर छापेमारी की है. शहर के बोरानाडा थाना क्षेत्र के वीतराग कॉलोनी में जहां कैलाश मांजू का फ्लैट है और उसका परिवार रहता है, यहां एनआईए की टीम पड़ताल कर रही है. सूत्रों के अनुसार […]

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Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर में एनआईए द्वारा मंगलवार सुबह जोधपुर शहर व जिले में हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू के ठिकानों पर छापेमारी की है. शहर के बोरानाडा थाना क्षेत्र के वीतराग कॉलोनी में जहां कैलाश मांजू का फ्लैट है और उसका परिवार रहता है, यहां एनआईए की टीम पड़ताल कर रही है. सूत्रों के अनुसार एनआईए ने उसकी पत्नी को सम्मन दिया है. जिसके तहत कैलाश मांजू को दिल्ली तलब किया गया है. जबकि एनआईए की एक टीम ने जिले के ग्रामीण बालेसर थाना के भाटेलाई में छापेमारी की है. कैलाश मांजू भाटेलाई का पूर्व में सरपंच रह चुका है, फिलहाल यह कार्रवाई जारी है. अभी तक किसी तरह की कोई बरामदगी को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है.

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पुलिस के सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने ग्रामीण क्षेत्र में बालेसर पुलिस का जाब्ता भी मांगा है. वीतराग सिटी के बाहर पुलिस का जाब्ता भी तैनात किया गया है. अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं दी गई है. यह कार्रवाई एनआईए द्वारा देश में गैंगस्टर और उनके आपराधिक गिरोह को लेकर दर्ज मामलों को लेकर की जा रही है. इसके तहत राजस्थान, एमपी, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ उत्तर प्रदेश गुजरात दिल्ली में 70 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि कैलाश मांजू खुद राजभाषा के तहत बाहर है.

कैलाश मांजू जोधपुर और पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा हार्डकोर अपराधी बन चुका है. उसके तार लॉरेंस की गैंग से भी जुड़े हुए हैं. जोधपुर में 2017 में लॉरेंस के गुर्गों द्वारा जो घटनाएं हुई थी उनमें कैलाश मांजू का नाम आया था, हालांकि उस दौरान कैलाश मांजू ने कई बार अपने वीडियो जारी कर कहा कि मेरा लॉरेन्स से कोई लेना देना नहीं है. बताया जा रहा है कि फरारी के दौरान 2 साल तक जब वह नेपाल में रहा था. तब उसके तार लॉरेन्स से जुड़े थे.

बीते समय में उसके लॉरेंस के भाई व अन्य लोगों से कनेक्शन का पुलिस को पता भी चला है. 2018 मैं पिता के निधन पर जब वापस गांव आया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उसके बाद उसे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में भेज दिया गया. कुछ मामलों में जमानत मिलने के बाद वह बाहर आया. लेकिन कलेक्टर द्वारा राजभाषा में निरुद्ध करने के आदेश की भनक लगते ही वह फरार हो गया. इस आदेश के तहत पुलिस उसे 1 साल के लिए गिरफ्तार कर सकती है, उसे जमानत भी नहीं मिलती. वह फरार है. फिलहाल कैलाश मांजू पुलिस गिरफ्त से दूर है.

गत दिनों उसके गोवा में होने की बात सामने आई थी. गत 1 फरवरी को ही वीतराग सिटी में ही कैलाश मांजू के भतीजे राकेश मांजू को विक्रम नांदिया के लोगों ने गोली मारी थी हालांकि उपचार के बाद वह बच गया. लेकिन यह फ्लैट कैलाश मांजू की पत्नी के नाम है और इस वक्त मौके पर पत्नी एक लड़का और लड़की भी मौजूद है.

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