Kota: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, कई बड़े नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

चेतन गुर्जर

• 12:00 PM • 15 Mar 2024

Kota News: कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस के तीन और पार्षद गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए. भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिकृष्ण बिरला की उपस्थिति में कांग्रेस पार्षद जीतेंद्र सिंह, प्रदीप कसाना और कमलकांत शर्मा तथा कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ के संभागीय प्रवक्ता कैलाश चंद कराड़ व युवक कांग्रेस के जिला सचिव मौसम सिंह हाड़ा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

Kota: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, कई बड़े नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

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Kota News: कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस के तीन और पार्षद गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए. भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिकृष्ण बिरला की उपस्थिति में कांग्रेस पार्षद जीतेंद्र सिंह, प्रदीप कसाना और कमलकांत शर्मा तथा कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ के संभागीय प्रवक्ता कैलाश चंद कराड़ व युवक कांग्रेस के जिला सचिव मौसम सिंह हाड़ा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी और भाजपा की प्रदेश मंत्री अनुसूइया गोस्वामी भी मौजूद रहे.

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इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता हरिकृष्ण बिरला ने पार्षदों का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवार हर दिन बढ़ रहा है. कांग्रेस की रीति-नीति के कारण आज हर भारतीय भाजपा की विचारधारा में अपना विश्वास जता रहा है. भाजपा जहां भारत और 140 करोड़ भारतीयों की बात करती है, वहीं कांग्रेस का उद्देश्य सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाना है.

अब तक 7 पार्षदों ने छोड़ी कांग्रेस

नगर निगम कोटा दक्षिण में नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि अब तक सात पार्षद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ चुके हैं. कोटा दक्षिण में कांग्रेस का बोर्ड अब अल्पमत में आ चुका है. कुछ और कांग्रेसी पार्षद बहुत जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं. ऐसे में महापौर और उपमहापौर को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है. उन्हें नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए.

उपेक्षा के चलते छोड़ रहे पार्टी

पार्टी छोड़ने वाले पार्षदों ने कहा कि कांग्रेस का बोर्ड होने के बाद भी हम जनता से किए वादे पूरे नहीं करवा पा रहे. बोर्ड बनने के बाद से ही अनेक कांग्रेसी पार्षदों की उपेक्षा की जा रही है. महापौर राजीव भारती की कोई सुनवाई नहीं है, एक-दो पार्षद ही पूरे सिस्टम पर कब्जा किए हुए हैं. इस कारण शेष पार्षदों का जनता के बीच जाना भी मुश्किल हो रहा है.

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